फेक न्यूज का केवल 51 फीसदी लोग करते हैं फैक्ट चेक

Only 51 percent of fake news people do fact checks
फेक न्यूज का केवल 51 फीसदी लोग करते हैं फैक्ट चेक
फेक न्यूज का केवल 51 फीसदी लोग करते हैं फैक्ट चेक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोशल मीडिया के दौर में मोबाइल फोन पर जानकारियों की भरमार है। इन दिनों कोरोना संक्रमण से संबंधित तरह-तरह के संदेश वाट्सएप, फेसबुक और अन्य माध्यमों से लोगों तक पहुंच रहे हैं। एक सर्वेक्षण में पता चला है कि सोशल मीडिया पर कोई जानकारी मिलने के बाद केवल 51. 5% लोग की ही उसकी प्रामाणिकता जांचने के लिए ‘फैक्ट चेक’ करते हैं। इन 51. 5% लोगों में से 39.1% उत्तरदाताओं ने पाया कि उन तक सोशल मीडिया के जरिए पहुंचने वाली 50-80% जानकारी झूठी निकली। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के जनसंवाद विभाग द्वारा देख भाई फेक अभियान के तहत फेक न्यूज पर एक सर्वेक्षण किया गया।

विभाग प्रमुख डॉ. हक ने कहा कि सर्वे से स्पष्ट होता है की अधिक्तर उपयोगकर्ता ये जानते हुए भी के जानकारी झूठी हो सकती है, सोशल मीडिया में डूबे रहते हैं। डॉ. हक के अनुसार इस समय नागरिकों तक सही जानकारी पहुंचना अत्यंत आवश्यक है। यदि जनता किसी जानकारी के स्रोत को शक की निगाह से देखती है तो संक्रमण से निपटना कठिन हो सकता है। सर्वेक्षण में माध्यमों को विश्वश्नीयता (साख), उपयोगिता और ज़िम्मेदाराना पेशकश के तीन निकषों पर भी तौला गया।

 

Created On :   7 April 2020 1:41 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story