पुराने जलस्रोत के पुर्नउद्धार से ही मिल सकती है पेयजल संकट से निजात

Only by reviving old water source can one get rid of drinking water crisis
पुराने जलस्रोत के पुर्नउद्धार से ही मिल सकती है पेयजल संकट से निजात
पन्ना पुराने जलस्रोत के पुर्नउद्धार से ही मिल सकती है पेयजल संकट से निजात

डिजिटल डेस्क,  पन्ना। पन्ना जिले में सतत् विकास लक्ष्यो को ध्यान में रखकर स्वयं सेवी संस्था समर्थन द्वारा ग्राम पंचायतो एवं समुदाय के साथ संगठनात्मक मॉडल पर कार्य किया जा रहा है। ग्राम पंचायत में विकास के मुददों पर वात करें तो पानी सबसे प्राथमिकता मे  हैं। सरकार भी जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल एवं हर घर जल पहुंचाने का काम कर रही है। पानी को सहेजने का काम भी बडे स्तर पर अमृत सरोवर एवं पुस्कर धरोहर योजना के तहत सरकार बडे स्तर पर कर रही है। समर्थन संस्था जल जीवन मिशन के तहत व्यावस्थागत क्षमतावर्धन का काम जिले में कर रहा है। अपने काम की शुरूआत जल स्रोत पूजन अर्थात कुआं, तालाब, नदी जो भी जल संरचनाए पूर्व में निर्मित रही है और वे हमारे ग्रामीणो की प्यास बुझा रही थी उसके प्रति लोगो का रूझान पुन: बढ सके एवं उसकी साफ-सफाई करने के लिये आगे आ सके इसको लेकर एक अभियान के तहत काम किया जा रहा है।
सरकार के प्रयास भी यही है की हमारी जो धरोहर है उसका पुर्नउद्धार किया जाये एवं उसको पुन: कार्यशील बनाया जाये। परम्परा को कायम करने से ही अपनी भलाई है। हमारे पूर्वज बरगद, पीपल, नीम एवं पानी को सहेजने वाले पौैधों की पूजा किया करते थे वे मन्दिरों के पास जल स्त्रोतों के किनारे इस प्रकार के पौधे लाते थे जिनमें लाखों लीटर पानी सहेजने की क्षमता थी। कहते है की एक बरगद के पेड में 70 हजार लीटर से ज्यादा पानी सहेजने की क्षमता है। इनका संरक्षण करने में समुदाय को आगे आना होगा। संस्था का यह छोटा प्रयास कभी आंन्दोलन का रूप लेगा एवं जल संरक्षण के प्रति समाज आगे आयेगा एवं पानी की कमी से हम सब को मुक्ति मिलेगी।

Created On :   13 Jun 2022 4:44 PM IST

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