आरक्षण न मिलने पर भी खुले प्रवर्ग की सीट पर ओबीसी प्रत्याशी ही लड़ेंगे चुनाव

Only OBC candidates will contest on open category seats
आरक्षण न मिलने पर भी खुले प्रवर्ग की सीट पर ओबीसी प्रत्याशी ही लड़ेंगे चुनाव
29 दिसंबर से नामांकन आरक्षण न मिलने पर भी खुले प्रवर्ग की सीट पर ओबीसी प्रत्याशी ही लड़ेंगे चुनाव

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद ओबीसी आरक्षित सीटों को सामान्य प्रवर्ग की सीटों में परिवर्तित कर यह चुनाव होने जा रहे हैं। इसीलिए ओबीसी मतों की सहानुभूति प्राप्त करने के लिए लगभग सभी राजनीतिक दल इन सामान्य सीटों पर ओबीसी प्रवर्ग के उम्मीदवारों को ही मौका देेंगे, यह तय है। हालांकि, आरक्षण से मुक्त होने के कारण इन सीटों पर अब हर वर्ग का कार्यकर्ता दावा कर सकता हंै। जिले में जिला परिषद की 10 एवं पंचायत समितियों की 20 इस तरह सर्व सामान्य प्रवर्ग की सीटों के लिए आगामी 18 जनवरी 2022 को चुनाव होगा। इसके लिए 29 दिसंबर से 4 जनवरी तक नामांकन की प्रक्रिया चलेगी। जिला परिषद की 10 सीटों पर चुनाव होने जा रहे है, उनमें आमगांव तहसील की घाटटेमनी, किकरीपार, गोरेगांव तहसील की निंबा, तिरोड़ा तहसील की ठाणेगांव, सड़क अर्जुनी तहसील की पांढरी, अर्जुनी मोरगांव तहसील की बोंडगांवदेवी, माहुरकुडा, इटखेड़ा, महागांव एवं केशोरी सीट का समावेश है। इन 10 सीटों में से ठाणेगांव, पांढरी, माहुरकुडा, इटखेड़ा एवं महागांव सीटे महिलाओं के लिए आरक्षित है। इसी तरह पंचायत समितियों की 20 सीटों में गोंदिया पंचायत समिति की घिवारी, सावरी, रतनारा, डोंगरगांव, पिंडकेपार, कुडवा एवं खमारी, आमगांव तहसील की कट्टीपार एवं अंजोरा, सालेकसा तहसील की कारूटोला, गोरेगांव तहसील की गणखैरा, हिरडामाली एवं मुंडीपार, तिरोड़ा तहसील की सेजगांव, चिरेखनी एवं चिखली, सड़क अर्जुनी तहसील की कोसमतोंडी एवं कोकणा जमीदारी तथा अर्जुनी मोरगांव तहसील की नवेगांव तथा बाराभाटी सीटों का समावेश है। इनमें से 10 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित है। 

सारी ताकत झोंकेंगे राजनीतिक दल

जिला परिषद की 43 एवं पंचायत समितियों की 86 सीटों पर 21 दिसंबर को मतदान हो चुका है। लेकिन सभी प्रमुख राजनीतिक दल लाख दावों के बावजूद जिला परिषद में पूर्ण बहुमत के प्रति आशंकित है। जिसके चलते शेष 10 सीटों के चुनाव परिणाम सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाते हंै। इसलिए जिप की 10 एवं पंस की 20 सीटों के लिए कुछ दिनों की राहत के बाद अब फिर राजनीतिक दलों के नेता चुनावी रणनीति बनाने एवं नए सिरे से उम्मीदवारों के चयन में जुट गए हैं। क्योंकि इन सीटों का परिणाम जिला परिषद एवं पंचायत समितियों में यदि किसी दल को बहुमत में कुछ कमी रह गई होगी, तो उसे पूरा करने की ताकत रखते हैं। 

आरक्षण ने बिगाड़ा गणित  

जिप की 10 सीटों को सर्व सामान्य प्रवर्ग में परिवर्तित कर उनमें से 5 सीटे महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है। जिसके कारण इन सीटों पर अनेक इच्छुक उम्मीदवारों का गणित बिगड़ गया है। राजनितिक दलों ने भी पहले इन सीटों पर जो उम्मीदवार दिए थे। उन्हें अब नई परिस्थिति को देखते हुए उम्मीदवारों में परिवर्तन करना होगा। नए आरक्षण से निंबा, पांढरी, किकरीपार एवं ईटखेड़ा सीटों का समीकरण बदल गया है। इस कारण पूर्व में घोषित किए गए उम्मीदवारों की जगह राजनितिक दलों को नए उम्मीदवार खोजने पड़ेंगे, जो किसी कसरत से कम नहीं होगा। 

 

Created On :   26 Dec 2021 6:22 PM IST

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