पॉक्सो मामले में 6 साल में हुई सिर्फ एक गवाही, पांच साल बाद दर्ज किया गया बयान 

Only one testimony in POCSO case in 6 years, statement recorded after five years
 पॉक्सो मामले में 6 साल में हुई सिर्फ एक गवाही, पांच साल बाद दर्ज किया गया बयान 
बांबे हाईकोर्ट  पॉक्सो मामले में 6 साल में हुई सिर्फ एक गवाही, पांच साल बाद दर्ज किया गया बयान 

डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। बाल यौन उत्पीड़न प्रतिबंधक कानून (पाक्सो) के तहत दर्ज होने वाले अपराध के अरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद मुकदमे की सुनवाई को एक साल में पूरा करने का प्रावधान है, लेकिन बांबे हाईकोर्ट में पाक्सो कानून के तहत एक ऐसे मामले का खुलासा हुआ जिसमें 6 साल में सिर्फ एक गवाह की गवाही हुई है। जबकि साल 2016 के इस मामले की पीड़िता का बयान पांच साल बाद दर्ज किया गया है। हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़े आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई चल रही है। 

न्यायमूर्ति भारती डागरे ने कहा कि बच्चों को यौन हमले व उत्पीड़न से बचाने के उद्देश्य से पाक्सो कानून लाया गया है। लेकिन जिस धीमी चाल से मौजूदा मामले के मुकदमे की सुनवाई चल रही है वह बेहद निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़ी पीड़िता 14 साल की है और उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया है। कोर्ट के निर्देश के बाद इस मुकदमे की सुनवाई शुरु हुई है और अब तक सिर्फ एक गवाह की गवाही हुई है। सरकारी वकील के मुताबित इस मामले में अभी 14 गवाहों की गवाही बाकी है। इसके अलावा पाक्सो से जुड़े मामलों की प्रगति को देखने के लिए हाईकोर्ट के स्तर पर एक कमेटी भी बनाई गई है। 

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति को बताया गया कि विशेष पाक्सो अदालत की संख्या कम है। कुछ अदालतों को तो पाक्सो से जुड़े मामलों के अलावा अन्य मामलों की भी सुनवाई करनी पड़ती है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह तथ्य बेहद व्यथित करता है। मौजूदा मामले की सुनवाई जिस रफ्तार से चल रही वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और उस उद्देश्य को पराजित करती है जिसके तहत पाक्सो कानून लाया गया है।पाक्सो कानूनी मुकदमे की शीघ्रता से सुनवाई की वकालत करता है। 

न्यायमूर्ति ने फिलहाल मुंबई के सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह में बताए कि मुंबई में पाक्सो के कितने मामले प्रलंबित हैं और इन मामलों की सुनवाई के लिए पाक्सो की कितनी विशेष अदालते नामित की गई हैं वहां कितने मामले लंबिता है। इसके अलावा पाक्सो कानून में प्रावधान है कि बच्चों की गवाही के लिए विशेषज्ञ की मदद ली जाए। अगली सुनवाई के दौरान हमें बताया जाए कि इस प्रावधान को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं। न्यायमूर्ति ने कहा कि हम इस विषय पर सभी पाक्सो अदालत को निर्देश जारी करेंगे।  

Created On :   29 Jun 2022 8:32 PM IST

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