फसल कर्ज लेने वाले ही कृषि मंडियों के चुनाव में कर सकेंगे मतदान, अधिनियम में संशोधन

Only those taking crop loans will be able to vote in the elections of agricultural markets, amendment in the act
फसल कर्ज लेने वाले ही कृषि मंडियों के चुनाव में कर सकेंगे मतदान, अधिनियम में संशोधन
मंत्रिमंडल की मंजूरी फसल कर्ज लेने वाले ही कृषि मंडियों के चुनाव में कर सकेंगे मतदान, अधिनियम में संशोधन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की बाजार समितियों (कृषि मंडियों) को मजबूत करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने विपणन अधिनियम में संशोधन करने को मंजूरी दी है। बुधवार को मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न विपणन (विकास व विनियमन) अधिनियम 1963 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत जो बहुउद्देशिय सहकारी संस्था अपने सदस्यों को फसल कर्ज वितरित करती हैं उन्हें ही बाजार समिति के निदेशक के चुनाव में मतदान का अधिकार होगा। बाजार समिति में नियुक्त किए जाने वाले गैर सरकारी प्रशासनिक मंडल में सदस्यों की संख्या 7 से ज्यादा नहीं हो सकेगी। बाजार समिति के बाजार परिसर में नियमन वाले कृषि उपज और अन्य उत्पादनों की खरीदी और बिक्री पर बाजार समिति को उपयोगिता शुल्क वसूलने का अधिकार होगा। बाजार समिति पर देखरेख शुल्क वसूली के लिए सरकार द्वारा कर्मचारी नियुक्त करने के प्रावधान को हटा दिया जाएगा। बाजार समिति के लिए देखरेख फीस 5 पैसे के बजाय 10 पैसे वसूलने का संशोधन प्रस्तावित किया गया है। सरकार बाजार समिति में सचिव के रूप में सहकारिता अधिकारी श्रेणी-2 से उच्च दर्जे के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। राज्य कृषि मंडल की बकाया भुगतान राशि को लेकर विवाद पैदा होने पर न्यायाधिकरण के पास अपील करने का अधिकार होगा। 
 

Created On :   8 Dec 2021 8:43 PM IST

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