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विधानसभा : सरकार के विरोध में लगे नारे, 16 हजार करोड़ की पूरक और किसानों के लिए 5250 करोड़ मांगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अधिवेशन के पहले ही दिन राज्य सरकार ने विधानसभा में 16 हजार करोड़ से अधिक की पूरक मांग पेश की है। पूरक मांग में किसानों की सहायता के लिए सर्वाधिक 5250 हजार करोड रुपये शामिल है। बाढ़ व अतिवृष्टि प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार ने हाथ बढ़ाया है। सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के लिए भी 2784 करोड़ रुपये की मांग की गई है। पूरक मांग के प्रस्ताव पर 19 व 20 दिसंबर को चर्चा होगी। अक्टूबर व नवंबर में अतिवृष्टि व चक्रवाती तूफान से राज्य में 34 जिलों की 359 तहसीलों के किसानों को नुकसान हुआ। कृषि क्षेत्र में नुकसान के पंचनामें में 93 लाख हेक्टयेर फसल व फल का नुकसान दर्ज किया गया है। करीब 1 करोड 5 लाख किसान संकट में हैं। राष्ट्रपति शासन के समय राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी ने 16 नवंबर को किसानों के लिए सहायता की घाेषणा की है। खरीफ फसल नुकसान के लिए किसानों को 8 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर व फलोत्पादकों को 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता देने की घोषणा की है। दो हेक्टयर के लिए किसानों को सहायता दी जाएगी। राज्यपाल ने 2059 करोड की सहायता जारी भी कर दी है। दूसरे चरण में 4500 करोड़ वितरित किए गए हैं। राज्य आकस्मिक निधि में से दी गई इस रकम की भरपाई के लिए पूरक मांग करके 4500 करोड रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। अतिरिक्त निधि के तौर पर सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग से 2784 करोड रुपये की मांग की गई है। हाइब्रिड एन्यूटी, बीओटी व मुंबई नागपुर समृद्धि महामार्ग के लिए 550 करोड की निधि की मांग है। अनिवार्य खर्च के तहत 8518 करोड मांगे गए हैं। 6827 करोड के विविध कार्यक्रम अंतर्गत प्रावधानों के लिए व केंद्र सरकार के सहयोग की योजनाओं के लिए 775 करोड की मांग की गई है। पूरक मांग मंजूर होने पर 15037 करोड का भार राज्य सरकार की तिजोरी पर पड़ेगा।
किस विभाग की कितनी मांग
उद्याेग-1023 करोडसहकार, पणन व वस्त्रोद्योग - 986 करोड
कृषि व पशु दुग्ध विकास - 929 करोड
जलसंपदा- 827 करोड
नगरविकास- 796 करोड
महिला व बाल कल्याण- 648 करोड
सामाजिक न्याय- 540 करोड
स्वास्थ्य - 501 करोड
गृह विभाग -358 करोड
विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों की चौथी पंक्ति में केवल महिलाएं
विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों की चौथी पंक्ति में केवल महिला सदस्य हैं। एक साथ 12 महिला सदस्यों की इस तरह की बैठक व्यवस्था कदाचित कम ही देखने को मिली होगी। शीतकालीन अधिवेशन के पहले दिन सावरकर मामले में सरकार के विरोध में प्रदर्शन में विपक्ष की महिला सदस्यों ने एकत्र होकर नारे लगाए। राज्य में सत्ता बदलने के साथ विधानसभा सदस्यों की बैठक व्यवस्था भी बदली है। आगे के पंक्ति में नजर आते रहनेवाले कुछ नेता अब पिछली पंक्ति में नजर आने लगे हैं। विधानसभा में 24 महिला सदस्य हैं। इनमें से 12 भाजपा, 5 कांग्रेस व 3 सदस्य राकांपा की हैं। निर्दलीय महिला सदस्य भी हैं। नियमानुसार विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने बांयी ओर विपक्ष व दांयी ओर सत्ता पक्ष के सदस्य बैठते हैं। विपक्ष की पहली पंक्ति में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के साथ चंद्रकांत पाटील , दूसरी पंक्ति में गिरीश महाजन के साथ सुधीर मुनगंटीवार नजर आए। चौथी पंक्ति में 12 महिला सदस्य हैं। भाजपा की इन सदस्यों में मंदा म्हात्रे, मनीषा चौधरी, विद्या ठाकुर, भारती लव्हेकर, माधुरी मिसाल, मुक्ता तिलक, देवयानी फरांदे, श्वेता महाले, मेघना बोर्डीकर, नमिता मुंदडा व मोनिका राजले शामिल है।
ट्राइसिकल पर सभागृह में पहुंची महिला सदस्य
मनीषा चौधरी विधानसभा सभागृह में ट्राइसिकल से पहुंची। चौधरी , दहीसर से भाजपा की विधायक हैं। विपक्ष की महिला सदस्यों की पंक्ति में चौधरी सबसे पहली कुर्सी पर है। विधानसभा में पहली बार 97 सदस्य चुने गए हैं। इनमें 12 महिला सदस्य हैं। इन सदस्यों में सरोह अहिरे, अदिति तटकरे, लता सोनवणे, यामिनी जाधव, मुक्ता तिलक, श्वेता महाले, मेघना बोर्डकी, नमिता मुंदडा, प्रतिभा धानोकर, सुलभा खोडके, गीता जैन, मंजूला गावित शामिल है।
पिता के पीछे पुत्र
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे सत्ता पक्ष की दूसरी पंक्ति में हैं। बैठक व्यवस्था के लिहाज से पुत्र पिता के ठीक पीछे है। मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के सदस्य पृथ्वीराज चव्हाण व अशोक चव्हाण साथ साथ है। विपक्ष की पहली पंक्ति में फडणवीस व चंद्रकांत पाटील के बाद राधाकृष्ण विखे पाटील व बबनराव पाचपुते हैं। धनंजय मुंडे अशोक चव्हाण के पास की कुर्सी पर बैठे हैं। मुंडे पिछली सरकार में विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष थे।
Created On :   16 Dec 2019 8:06 PM IST