खुले में शौंच बना मजबूरी, गुणवत्ताविहीन शौंचालय हुए खराब

Open defecation became a compulsion, poor quality toilets deteriorated
खुले में शौंच बना मजबूरी, गुणवत्ताविहीन शौंचालय हुए खराब
पन्ना खुले में शौंच बना मजबूरी, गुणवत्ताविहीन शौंचालय हुए खराब

डिजिटल डेस्क, पन्ना। स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण के अंतर्गत खुले में शौंच से मुक्ति दिलाने के लिए ग्राम पंचायतों में हितग्राहियों को लाखों-करोडों रूपए के शौंचालय का निर्माण कार्य किया गया है और इसके आधार पर पन्ना जिले को खुले से शौंच मुक्त भी घोषित किया जा चुका है परंतु ग्राम पंचायतों में हितग्राहियों के लिए बनें गुणवत्ताविहीन शौंचालय की वजह से निर्मित शौंचालय अनुपयोगी एवं खराब हो चुके हैं। जिसके चलते गरीब ग्रामीणों को खुले में शौंच करने के लिए जाना पडता है। पन्ना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत इटवांकला को लेकर कुछ ऐसी स्थिति देखी जा सकती है जहां पर हितग्राहियों के लिए बनाए गए ज्यादातर शौंचालय खराब हो चुके हैं और गरीब परिवार के सदस्यों को खुले में शौंच के लिए जाना पड रहा है। आरोप लग रहे है कि ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा शौंचालयों की गुणवत्ता में अनदेखी की गई और हितग्राहियों को शौंचालय के  निर्माण के लिए शासन द्वारा जो निर्धारित राशि दी गई है उसमें पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा कमीशनखोरी की गई। आलम यह है कि यहां मासूम बच्चों को भी खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। जहां दुर्घटना एवं विषैले जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है साथ ही कोरोना संकटकाल में मासूम बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना और भी खतरों से भरा बताया जा रहा है। इसके बाद भी ग्रामीण इलाकों के मासूम बच्चे महिलाएं और पुरुष खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं। 

Created On :   15 Feb 2022 12:36 PM IST

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