धनंजय मुंडे ने लगाया सैनिटरी नैपकीन की निविदा में घोटाले काआरोप

Opposition leader Dhananjay Munde allegations during the state council
धनंजय मुंडे ने लगाया सैनिटरी नैपकीन की निविदा में घोटाले काआरोप
धनंजय मुंडे ने लगाया सैनिटरी नैपकीन की निविदा में घोटाले काआरोप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधान परिषद में प्रतिपक्ष नेता धनंजय मुंडे ने पशुसंवर्धन विभाग ने टीकाकरण (फूट एंड मॉउथ वैक्सीन) की निविदा और ग्रामविकास विभाग में सैनिटरी नैपकीन की निविदा में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। जीएसटी में गैरकानूनी छूट देने से राज्य को 400 करोड़ रुपए का नुकसान होने का भी खुलासा किया। 
श्री मुंडे विधान परिषद में अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के सूचना व तकनीकी विभाग में घोटाले का भी आरोप लगाया।  कहा कि पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त कार्यभार का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य में सर्वाधिक भ्रष्टाचार हुए हैं। अब मुख्यमंत्री के सूचना व तकनीकी विभाग तक यह भ्रष्टाचार पहुंच गया है। विभाग में सेवा आपूर्तिकर्ता की नियुक्ति में घोटाला हुआ है।उन्होंने कहा कि सरकार के विविध विभागों में चल रहे मनमानी कारभार और भ्रष्टाचार ने सारी सीमाएं लांघ दी है। विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व अन्य व्यक्तिगत लाभ की योजना का लाभ देने के लिए नियुक्त इनोवेव कंपनी को ही काम मिले, इस पद्धति से निविदा निकाली गई। सुविधा अनुसार अलग-अलग 8 पत्रक निकाले गए। कंपनी के काम में 193 सेवा समाविष्ट होने के बावजूद 19 विभागों के एक भी प्रतिनिधि को शामिल नहीं करना आदि विषय जानबूझकर किए गए। कंपनी ने छात्रवृत्ति में भारी धांधली की है। कर्जमाफी में भी विलंब का कारण बताकर कंपनी ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। इसकी जांच और कार्रवाई नहीं होने पर संदेह की सुई मुख्यमंत्री की ओर जाए बगैर नहीं रहेगी। 
जानकर के इस्तीफे की मांग: अपनी सुविधा की बायोविटा कंपनी को जानवरों को लगाने वाले फूट एंड माउथ वैक्सीन की आपूर्ति का काम देने के लिए पशुसंवर्धन मंत्री महादेव जानकर ने जानबूझकर बार-बार निविदा निकाली। ज्यादा दर और उत्पादन क्षमता, रोग प्रतिकारक क्षमता नहीं होने के बावजूद अपने पसंद की मे. इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स प्रा. लि कंपनी को काम दिया। विभाग और सचिव का अभिप्राय नजरअंदाज करने के कागजात पेश कर इस मामले में निविदा रद्द कर मंत्री महादेव जानकर से इस्तीफा देने की मांग की। 
सैनिटरी नैपकीन की खरीदी में अनियमितता : ग्रामविकास विभाग ने किए सैनिटरी नैपकीन खरीदी निविदा में भी अनियमितता होने का आरोप धनंजय मुंडे ने लगाया। चिक्की घोटाला की एक आरोपी कंपनी वैद्य इंडस्ट्रीज को 1044 करोड़ रुपए के 3 वर्ष का एक ही बार काम दिया गया। इसकी शिकायत करने के बावजूद कोई जांच न करते हुए भ्रष्टाचार किया गया। 
400 करोड़ का नुकसान : श्री मुंडे ने आरोप लगाया कि नैचरल गैस को वैट में छूट देते हुए 400 करोड़ रुपए का सरकार का नुकसान किया गया। गलती ध्यान में आने के बाद जल्दबाजी में परिपत्रक निकाले गए। जिस कारण सरकार का हर माह सैकड़ों करोड़ का नुकसान हुआ है। भविष्य में भी यह नुकसान होगा। इसलिए बिक्रीकर आयुक्त से इस प्रकरण की जांच की जाए। 

Created On :   22 Dec 2017 8:04 AM GMT

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