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कांग्रेस नेता अजय सिंह बोले- मणिशंकर और सिब्बल के बयानों से होगा नुकसान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मणिशंकर अय्यर और कपिल सिब्बल के दिए हुए बयानों पर मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि मणिशंकर अय्यर और कपिल सिब्बल के बयानों से कांग्रेस को चुनाव में नुकसान होगा। वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा में नहीं होते तो तो क्या वे भी ऐसे ही बयान देते ? इस सवाल पर उन्होंने वे अजय सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा के कारण जीता है।
सरकार के विपक्ष के साथ आपसी व्यवहार पर अजय सिंह ने कहा कि वे राजनैतिक शिष्टाचार का अपने स्वर्गीय पिता अर्जुन सिंह की तरह ही पालन करते हैं और विधानसभा के अंदर कितने ही सत्तापक्ष पर तीखे सवाल करें लेकिन सदन के बाहर वे सत्तापक्ष से मित्रवत रहते हैं। उनके स्वर्गीय पिता भी ऐसे ही थे। उन्होंने बताया कि तत्कालीन विपक्ष के नेता स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा सदन के अंदर सत्तापक्ष पर खूब तीखे होने के बाद शाम को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह से चाय पर मिलते थे।
अजय सिंह ने कहा कि वे हाल ही में गुजरात में चुनाव प्रचार कर लौटे हैं तथा उन्होंने सूरत में प्रचार किया। गुजरात में कांग्रेस 6 शहरों में अच्छा प्रदर्शन करेगी तथा भाजपा का प्रभाव सिर्फ अहमदाबाद एवं बड़ौदा तक सीमित है। उन्होंने कहा कि गुजरात में यूथ का दबदबा है और वही इस बार अच्छा चुनाव परिणाम लाएगा।
रेरा और गेहूं घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मध्यप्रदेश में हुए तीन बड़े घोटाले रेरा और गरीबों, दिव्यांग बच्चों को दिए जाने वाले सरकारी गेहूं में हेराफेरी के दो मामलों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। अजय सिंह ने उनकी न खाऊंगा न खाने दूगा की नीति के तहत सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की निगरानी में इन घोटालों की जांच करवाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा भ्रष्टाचार का पहला मामला रियल स्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) से जुड़ा है। इसके गठन के साथ ही अजय सिंह ने कहा कि बिल्डरों, राजनीतिज्ञों और स्थानीय निकायों के अफसर का गठजोड़ शुरू होता है।
अजय सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मध्यप्रदेश में इस तरह के घोटाले उजागर होते हैं, जांच होती है, नीचे के अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, कुछ दिन बाद वे बहाल हो जाते हैं, और फिर से घपले-घोटालों का सिलसिला शुरू हो जाता है। बड़े लोगों तक यह मामला पहुंचता ही नहीं है वे साफ बच जाते हैं। उन्होंने कहा कि ये तीन मामले तो हाल ही के हैं। इसकी लिस्ट बहुत लंबी है, भ्रष्टाचार को पकडऩा भ्रष्टाचार खत्म होना नहीं है भ्रष्टाचार न हो ऐसी व्यवस्था बननी चाहिए तब आपकी और मुख्यमंत्री की बातों का कोई मायने होगा और इसका लाभ देश प्रदेश को मिलेगा।
Created On :   8 Dec 2017 10:25 PM IST