विपक्ष ने कहा- तो मुख्यमंत्री का चुनाव भी सीधे जनता करे  

Opposition said - then the public should also elect the Chief Minister directly
विपक्ष ने कहा- तो मुख्यमंत्री का चुनाव भी सीधे जनता करे  
विरोध में विधेयक पारित विपक्ष ने कहा- तो मुख्यमंत्री का चुनाव भी सीधे जनता करे  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नगराध्यक्ष और सरपंच का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने से जुड़े विधेयक को विधानसभा में सोमवार को बहुमत से मंजूरी मिल गई। विपक्ष ने खामिया गिनाते हुए इसका विरोध  किया और सरकार पर अपना एजेंडा थोपने का आरोप लगाया तो जवाब में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नगराध्यक्ष और सरपंच का प्रत्यक्ष रूप से चुनाव कराने की मांग जनता की ही थी, यह हमारा एजेंडा नहीं है। इसके लिए राज्य की नौ हजार ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव पास किया था। सरकार नगराध्यक्षों को ज्यादा अधिकार देना चाहती है। इससे कामकाज में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सीधे नगराध्यक्ष चुनाव का निर्णय साल 2006 में लिया गया था। यह निर्णय आपने बदला क्यों नहीं? नगर विकास मंत्री जब कोई निर्णय लेता है तो वह एक मंत्री का नहीं, सभी मंत्रियों का निर्णय होता है। एकाध वार्ड में कोई अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति पैसे के बल पर चुनकर आ सकता है, लेकिन पूरे शहर में पैसे के बल पर चुनाव नहीं जीत सकता। अजित पवार को उत्तर देते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री भी सीधे जनता से चुना जाए, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा? हमारी सरकार संविधान के अनुसार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंच का चुनाव सीधे जनता से कराया जाए, यह मांग महाराष्ट्र राज्य सरपंच परिषद में की गई थी। हमने यह मांग मंजूर की है, हम जनता की मांगों पर काम करते हैं। हम अपना एजेंडा लागू नहीं करते हैं, जनता की इच्छा के अनुसार हम काम करते हैं।

सक्षम नहीं होता तो इतना बड़ा कदम नहीं उठाता
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का कहना है कि मैं सक्षम नहीं है। यदि मैं सक्षम नहीं होता तो इतना बड़ा कार्यक्रम कैसे करता? करेक्ट कार्यक्रम किया या नहीं। जयंतराव मुझसे मिले और कहा कि यह कैसे हुआ? पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर ताना मारते हुए शिंदे ने कहा कि अजित दादा वे आपकी सुनते थे, इसलिए हमारी नहीं सुनते थे। शिंदे के यह कहने पर कि देवेंद्रजी और मैं हूं साथ-साथ... मेरा नाम है एकनाथ। सदन में जोरदार ठहाके लगे।
 
फिर तो सीधे मुख्यमंत्री भी चुना जाए- अजित पवार
  
इसके पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने सरकार पर ताना मारते हुए कहा कि नगराध्यक्ष और सरपंच का चुनाव सीधे जनता से किया जाएगा, ऐसे में मुख्यमंत्री का चुनाव भी जनता से कराया जाए। अजित पवार ने कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र के लिए घातक है। इससे निकाय संस्थाओं में धन-बल का वर्चस्व कायम हो सकता है। आम जनता को न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह के चुनाव में एक बार लातूर में राकांपा का नगराध्यक्ष चुन लिया गया जबकि ज्यादातर नगरसेवक कांग्रेस के जीते। इसके बाद वहां कामकाज करना मुश्किल हो गया। पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे इसीलिए मुख्यमंत्री बन पाए क्योंकि मुख्यमंत्री विधायकों में से चुना जाना था।

वैचारिक भूमिका क्यों बदल रहे मुख्यमंत्री-भुजबल

राकांपा के छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री से कहा कि इससे पहले आप ने ही हमें सीधे नगराध्यक्ष चुनाव की खामिया गिनाते हुए इसे बदलने के लिए तैयार किया था अब आप भूमिका क्यों बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बदलाव के बाद नगरसेवकों के पास अधिकार नहीं बचेंगे।

यह प्रयोग पहले भी हुआ था- जयंत पाटिल

राकांपा नेता जयंत पाटिल ने कहा कि नगराध्यक्ष का चयन सीधे जनता से कराने का प्रयोग पहले भी हो चुका है। उसके राज्य के कई हिस्सों में बेहद गलत परिणाम देखे गए थे, इसलिए पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन नगर विकास मंत्री ने इस फैसले को गलत ठहराया था। अब उनका मन क्यों बदल गया? नगराध्यक्ष किसी अन्य दल का और सदस्यों का बहुमत दूसरी पार्टी का, इससे फैसले लेने में दिक्कत होती है‌। उम्मीद है तत्कालीन नगर विकास मंत्री व मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस निर्णय पर अवश्य पुनर्विचार करेंगे।

उपमुख्यमंत्री पद संवैधानिक नहीं- मुंडे

विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान राकांपा विधायक धनंजय मुंडे ने फडणवीस की ओर इशारा करते हुए कहा कि इतने विधायक होने के बावजूद आपको उपमुख्यमंत्री के पद पर बैठना पड़ रहा है। आपके दिल में क्या दुख है भले ही लोग न समझते हों, लेकिन मैं समझता हूं। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन करके आखिर भाजपा ने क्या हासिल किया है? मैं यह नहीं जानता। इससे पहले वे (फडणवीस) कम से कम नेता प्रतिपक्ष के संवैधानिक पद पर तो थे। अब वे उपमुख्यमंत्री के पद पर हैं, लेकिन यह पद संवैधानिक नहीं है। धनंजय मुंडे ने उपमुख्यमंत्री पद को असंवैधानिक बताते हुए बगल में बैठे पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सॉरी दादा कहते हुए आगे कहा कि 120 सदस्य होने के बावजूद, आपको (भाजपा) विपक्ष में बैठना पड़ा। 

Created On :   22 Aug 2022 9:11 PM IST

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