- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को...
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में जांच के आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार को शहर में 4 बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव होने की बात सामने आई है। जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है। खास बात यह कि इन 4 में से 1 बच्चे की मौत हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चारों थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की उम्र 10 वर्ष तक थी। थैलेसीमिया पीड़ित रोगियों को हर 15 दिन में खून चढ़ाना पड़ता है। इस मामले में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने की बात सामने आई है। इलाज के दौरान उनका परीक्षण किया गया और उन्हें एचआईवी संक्रमित पाया गया। खून चढ़ाने के बाद ही बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर ने कहा कि मरीजों को दूषित खून दिया गया था। चारों बच्चों को शहर के निजी अस्पताल में खून चढ़ाने के लिए भर्ती करने की बात सामने आई है। चारों बच्चों में से 2 बच्चे शहर के, 1 वर्धा व अन्य 1 रामटेक का निवासी है।
विभिन्न ब्लड बैंकों से लिया खून : प्राप्त जानकारी के अनुसार, थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए शहर के विभिन्न ब्लड बैंकों से ब्लड लिया गया था। शहर के ब्लड बैंकों में एनएटी परीक्षण की सुविधा नहीं है। जब ब्लड बैंक द्वारा उन्हें दूषित रक्त दिया गया था, तब वे एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित पाए गए। खून की जांच के लिए एनएटी परीक्षण होना आवश्यक होता है, लेकिन ब्लड बैंक में यह सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों को यही खून चढ़ाया गया और इससे वे एचआईवी संक्रमित हो गए।
जांच के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के सहायक उप-निदेशक डॉ आर. के. धकाटे ने कहा कि चार बच्चे एचआईवी से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है। लेकिन जिस बच्चे की मौत हुई उसको थैलेसीमिया के कॉम्लिकेशन्स थे। इस संबंध में हम सभी जानकारी एकत्र करेंगे और उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इस मामले में खाद्य एवं औषधि विभाग (एफडीए) ने भी जांच शुरू कर दी है। थैलेसीमिया रोगियों को दिए गए रक्त का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (एनएटी) परीक्षण जल्द ही किया जाएगा।
एनएटी परीक्षण किया जाना चाहिए
डॉ. विंकी रुघवानी, अध्यक्ष थैलेसीमिया एंड सिकलसेल सोसायटी ऑफ इंडिया के मुताबिक थैलेसीमिया मरीजों को एनएटी परीक्षण वाला खून दिया जाना चाहिए, ताकि काफी हद तक बीमारियों को रोका जा सके। सरकार को आगे ध्यान देकर सरकारी अस्पतालों में एनएटी परीक्षण वाले ब्लड की व्यवस्था करनी चाहिए। अभी चुनिंदा प्राइवेट ब्लड बैंक में ही एनएटी की सुविधा है।
Created On :   27 May 2022 5:59 PM IST