शेगांव विकास कार्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने दिए आदेश, 7 मार्च को होगी बैठक

Order passed by SC for development work in Shegaon, meeting on 7
शेगांव विकास कार्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने दिए आदेश, 7 मार्च को होगी बैठक
शेगांव विकास कार्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने दिए आदेश, 7 मार्च को होगी बैठक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शेगांव विकास कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे के विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना आदेश जारी किया है। न्यायालय ने शेगांव की मातंगवाड़ी के 20 नागरिकों, राज्य सरकार के प्रतिनिधियों, संत गजानन महाराज संस्थान व संबंधित पक्षों के वकीलों को मिल कर 7 मार्च को बैठक लेकर आपसी सहमति से समस्या का हल निकालने को कहा है। मातंगवाड़ी के निवासियों ने नागपुर खंडपीठ के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। 

यह था मामला
गजानन महाराज शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष्य में शेगांव के विकास कार्यों के लिए याचिका दायर की गई थी। अन्य तीर्थ क्षेत्रों की तुलना में शेगांव के धीमे विकास को देखते हुए राज्य सरकार ने पेयजल, सड़क व बिजली जैसी सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए दिए, लेकिन अतिक्रमण के चलते विकास कार्य मंद पड़ गए। न्यायालय ने वर्ष 2010 में मुख्य सचिव को नए सिरे से विकास प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं पर्याप्त नहीं होने को लेकर एक बार फिर न्यायालय ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद पुनर्वसन से गुजर रहे जमीन मालिकों, अतिक्रमणकारियों और अन्य संबंधित पक्षों ने भी अपनी-अपनी याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की थीं। इस याचिका में पुर्नवसन, क्षेत्र की समस्याएं, विकास कार्यों में आने वाली बाधाओं पर प्रकाश डाला गया था।

आदेश में यह कहा
दरअसल शेगांव विकास संस्था को मातंगवाड़ी और खलवाड़ी में विकास कार्य के लिए भू-खंड चाहिए, मगर इसे देने से वहां के मूल जमीन मालिकों और अतिक्रमणकारियों का विरोध था। इस मुद्दे पर केंद्रित विविध याचिकाओं पर नागपुर खंडपीठ में एक साथ सुनवाई चल रही थी। नागपुर खंडपीठ ने 5 अप्रैल को अपना आदेश जारी किया था कि मातंगवाड़ी के 22 भूखंड मालिकों को उनके भूखंड के बदले रेडीरेक्नर से पांच गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया क्या होगी, दरें क्या होंगी, यह तय करने के लिए हाईकोर्ट ने यहां विशेष भू-संपादन अधिकारी नियुक्त करने के लिए विभागीय आयुक्त को आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने तय किया था कि यहां के 11 अतिक्रमणकारियों को नई जगहों पर दुकानें दी जाएंगी। प्रत्येक दुकान का मूल्य करीब 10 लाख रुपए है। यह सारा खर्च गजानन महाराज मंदिर संस्था उठाएगी। इस प्रक्रिया में मातंगवाड़ी की करीब डेढ़ एकड़ जमीन संस्था को मिलेगी।

Created On :   2 March 2019 4:53 PM IST

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