एक दर्जन मौतों के बाद अब आयुध कर्मियों की छुट्टी - अब जाकर प्रशासन ने रियायत दी, सिर्फ अति आवश्यक सेवा चलती रहेगी

Ordnance personnel leave after a dozen deaths - now the administration gave a concession
एक दर्जन मौतों के बाद अब आयुध कर्मियों की छुट्टी - अब जाकर प्रशासन ने रियायत दी, सिर्फ अति आवश्यक सेवा चलती रहेगी
एक दर्जन मौतों के बाद अब आयुध कर्मियों की छुट्टी - अब जाकर प्रशासन ने रियायत दी, सिर्फ अति आवश्यक सेवा चलती रहेगी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । तकरीबन एक दर्जन कर्मचारियों की मौत के बाद आखिरकार ओएफके प्रशासन की नींद खुली और अब जाकर कर्मचारियों की संख्या कम करने का फैसला लागू किया गया है। निर्माणी प्रशासन ने एक सप्ताह के लिए फैक्ट्री में छुट्टी घोषित कर दी है। इस दौरान सिर्फ अति आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखा जाएगा। ओएफके प्रशासन और श्रमिक संगठनों के बीच मीटिंग में निर्णय लिया गया कि सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को काम पर तैनात किया जाएगा जिनकी बहुत अधिक आवश्यकता है। शेष कर्मचारी जिन्हें अनुभाग प्रमुख द्वारा नहीं बुलाया जाएगा वे 2 मई तक ड्यूटी पर नहीं आएँगे। बैठक में महाप्रबंधक रवि कांत, एजीएम शैलेश बग्रवाल, ज्वॉइंट जीएम अमित सिंह के अलावा यूनियन के अरुण दुबे, रामप्रवेश, राजेंद्र चड़ारिया, आनंद शर्मा, रूपेश पाठक, प्रेम लाल सेन, कृष्ण कुमार शर्मा,  अमित चौबे,  पुष्पेंद्र सिंह, सत्येंद्र सिंह, बीके श्रीवास्तव, सरोज विस्वाल, अर्नब दासगुप्ता आदि उपस्थित रहे।
रिटायरमेंट का पेमेंट एडवांस में
30 तारीख को सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों का समस्त भुगतान उनके खाते में कर दिया गया है एवं संबंधित दस्तावेज तथा सम्मान समारोह का कार्यक्रम एवं सोसाइटी उपहार 3 मई को 12 बजे कॉन्फ्रेंस रूम में आयोजित होगा। 
ऑक्सीजन के लिए फंडिंग
 खमरिया अस्पताल में दवाइयों एवं ऑक्सीजन की कमी न हो के लिए एक अलग से फंड जनरेट किया गया है जिसमें एलएसएफ से कुछ पैसा निकाला जाएगा। सोसायटी भी इसमें पैसे देगी। 
और बेड बढ़ेंगे 
 निर्माणी अस्पताल में कोविड बेड और बढ़ाए जा रहे हैं जिससे कर्मचारियों को असुविधा नहीं होगी। अगले हफ्ते से वर्किंग के लिए रणनीति तय की जाएगी। अपने फैसले हम खुद ले सकेंगे? - महाप्रबंधक द्वारा कलेक्टर को प्रस्ताव दिया गया है कि फैक्ट्री न तो कॉरपोरेशन में है न ही ग्रामीण क्षेत्र में। अत: यहाँ पर गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए निर्माणी प्रशासन को अधिकृत किया जाए, ताकि जरूरत के हिसाब से हम स्वयं फैसले ले सकें।  

Created On :   27 April 2021 3:48 PM IST

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