पॉलिटेक्निक मैदान में आयोजन,दूसरे दिन भी हुआ प्रतिमाओं का विजर्सन

Organizing in Polytechnic Grounds, immersion of statues took place on the second day as well
पॉलिटेक्निक मैदान में आयोजन,दूसरे दिन भी हुआ प्रतिमाओं का विजर्सन
रावण दहन देखने पहुंचे 15 हजार से ज्यादा लोग पॉलिटेक्निक मैदान में आयोजन,दूसरे दिन भी हुआ प्रतिमाओं का विजर्सन

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में दो वर्ष बाद दशहरा उत्सव का आयोजन किया गया। कोरोनाकाल के चलते दो साल तक समारोह नहीं होने के कारण इस बार लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। 

मुख्य समारोह पॉलिटेक्निक मैदान में आयोजित किया गया। जहां सोहागपुर की रामलीला मण्डली के श्रीराम द्वारा रावण वध किया गया। इसके बाद रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों के दहन शानदार आतिशबाजी के बीच किया गया। रावण दहन को देखने 15 हजार से ज्यादा परिवार व बच्चों के साथ पहुंचे।

परंपरा से हटकर पहले जला रावण

दशहरा उत्सव के दौरान हर बार रावण का पुतला सबसे अंत में जलाया जाता था। पहले मेघनाद, कुम्हकर्ण और अंत में रावण का पुतला जलाया जाता था। लेकिन इस बार पहले रावण का पुतला जला। इसको लेकर लोगों में चर्चा रही। एक दिन पहले बारिश के कारण पुतले गीले हो गए थे, जिस कारण सिर नहीं जला। पानी की तेज बौछार करके पुतलों को नीचे गिराया गया। 

दूसरे दिन भी हुए विसर्जन

दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन दूसरे दिन गुरुवार को हुआ। ज्यादातर स्थानों पर स्थापित प्रतिमाएं दशहरा के दिन बुधवार को हो विसर्जित की गई। गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते लोग जलाशयों तक प्रतिमाओं को लेकर पहुंचे।

Created On :   7 Oct 2022 2:02 PM IST

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