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महाराष्ट्र विधान सभा और विधान परिषद सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के आचरण और व्यवहार पर ही प्रतिनिधि संस्थाओं की गरिमा निर्भर करती है और सदन की मर्यादा कम होना लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होने विधायकों से आग्रह किया कि प्रतिनिधि संस्थाओं के सदस्य होने के नाते वे इन संस्थाओं की प्रतिष्ठा और मर्यादा को ऊंचा उठाने में वे सहयोग दें। उन्होने यह भी कहा कि सदन में बैठकों की कम होती संख्या और कार्यवाही में बढ़ते अवरोध जैसे विषयों पर भी हमें चिंतन करना चाहिए, जिससे इन संस्थाओं में लोगों का विश्वास बना रहे।
बिरला ने संसद भवन परिसर में महाराष्ट्र विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उक्त बातें कही। उन्होने कहा कि जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। उन्होने जोर देकर कहा कि जनता की आवाज सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने में जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जन प्रतिनिधि होना एक विशेषाधिकार की बात है। लेकिन विधायकों को यह याद रखना चाहिए कि यह विशेषाधिकार गंभीर जिम्मेदारियों के साथ आता है। उन्होने सुझाव दिया कि सदन में कानून के निर्माण के समय भी जन प्रतिनिधि उस पर व्यापक चर्चा और विचार करें। ऐसा इसलिए कि यही कानून आगे जाकर सामाजिक आर्थिक-बदलाव लाते हैं।
राज्यसभा सदस्य डॉ विकास महात्मे ने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सपत्नीक भेंट की। इस दौरान सांसद ने प्रधानमंत्री को पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की मूर्ति भेंट की। इस मुलाकात को अपनी जिंदगी का यादगार क्षण बताते हुए डॉ महात्मे ने कहा कि उन्होने प्रधानमंत्री मोदी से घुमंतू लोगों से जुड़े मसलों पर भी बातचीत की।
Created On :   6 April 2022 4:53 PM IST