पौने छह साल में 793 मामलों में से केवल 229 सुलझे

Out of 793 cases, only 229 were resolved in a quarter to six years.
पौने छह साल में 793 मामलों में से केवल 229 सुलझे
साइबर क्राइम पौने छह साल में 793 मामलों में से केवल 229 सुलझे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले कुछ सालों में आनलाइन फ्रॉड व चीटिंग के मामले काफी बढ़ गए हैं। पिछले पौने छह साल में शहर में साइबर क्राइम के 793 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें से केवल 229 मामले ही पुलिस डिटेक्ट करने का खुलासा आरटीआई में हुआ है।    अभय कोलारकर को आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार 2016 में साइबर क्राइम के 96, 2017 में 81, 2018 में 108, 2019 में 112, 2020 में 243 व सितंबर 2021 तक 153 मामले दर्ज हुए है। कुल 793 मामलों में से 229 मामले ही डिटेक्ट हो सके हैं। पुलिस के हाथ केवल 159 आरोपी ही लगे हैं। साइबर क्राइम के तहत चीटिंग के 173, ऑनलाइन बुकिंग के 35, ऑनलाइन चीटिंग के 82, क्रेडिट व डेबिट कार्ड के माध्यम से चीटिंग के 63, ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से चीटिंग के 65, आेटीपी के माध्यम से चीटिंग के 32 मामले दर्ज हुए हैं। चीटिंग के 173 मामलों में 9 करोड़ 22 लाख 7490 रुपए की संपत्ति फंसी हुई है। आेटीपी के माध्यम से हुई चीटिंग के 32 मामलों में 8 करोड़ 46 लाख 54 हजार 255 रुपए का चूना लगाया गया है। 

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के 16 मामले 

साइबर क्राइम ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ, नफरती व जातिवादी पोस्ट डालने के 16 मामले दर्ज किए हैं। जातिवादी व भड़काऊ पोस्ट से दो समुदायों में विवाद खड़ा होने का खतरा रहता है। 

साल     दर्ज मामले     डिटेक्ट    आरोपी
2016           96         23             23
2017           81         29             34
2018        108          31             24
2019        112          34             31
2020        243          53             35
सितंबर     153        59             12
कुल          793        229          159
 

कोरोनाकाल में हुआ जबरदस्त इजाफा : कोरोनाकाल (2020-2021) में साइबर अपराधों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। कोरोनाकाल में अधिकांश लोग घर में ही रहे। इसी दौरान मोबाइल पर आने वाले फेक कॉल, फेक एसएमएस के चक्कर में कई लोग फंसकर अपनी कमाई गंवा बैठे। खाली समय में आरोपियों ने लोगों को फंसाकर जमकर पैसा कमाया। 2020 में साइबर क्राइम के रिकॉर्ड 243 व सितंबर 2021 तक साइबर क्राइम के 153 मामले इस बात की पुष्टि करने के लिए काफी हैं। 

 

Created On :   8 Nov 2021 7:44 PM IST

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