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प्रदेश के 90 हजार वकीलों में से 40 हजार को है राहत की आस
लॉकडाउन में अदालतों के बंद होने की वजह से घिरे हैं आर्थिक संकट में, स्टेट बार ने बनाई योजना
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मध्य प्रदेश के 90 हजार वकीलों में से करीब 40 हजार वकील ऐसे हैं, जो लॉकडाउन में अदालतों के बंद होने के कारण इन दिनों आर्थिक संकट से घिरे हुए हैं। फिलहाल स्टेट बार काउंसिल ने उन वकीलों को राहत देने के लिए एक योजना बनाई है, ताकि उन्हें मदद दी जा सके। योजना का लाभ प्रदान करने बार काउंसिल ने राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशनों को जरूरतमंद अधिवक्ताओं को चिन्हित करने की जवाबदारी सौंपी है। न्यायिक सूत्रों के अनुसार मप्र में कुल अधिवक्ताओं की संख्या 90 हजार है, जिसमें से 57 हजार ऐसे हैं, जो काउंसिल की मतदाता सूची में रजिस्टर्ड हैं, यानी ये 57 हजार अधिवक्ता वेरिफाइड हैं। पिछले कई दिनों से लॉकडाउन में फँसे अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद देने की माँग लगातार उठाई जा रही है। स्टेट बार की न्यासी समिति से योजना को मंजूरी मिलते ही उसका लाभ जरूरतमंद वकीलों को मिलना शुरू हो जाएगा।
योजना से मिलेंगे एक करोड़ रुपए
वकीलों को कोरोना संकट में आर्थिक मदद देने के लिए स्टेट बार काउंसिल द्वारा बनाई गई योजना में एक करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। राशि मिलते ही जरूरतमंद अधिवक्ताओं को 5-5 हजार रुपए की आर्थिक राहत दी जाएगी।
बार एसोसिएशनों पर होगी जिम्मेदारी
स्टेट बार ने वकीलों को आर्थिक सहायता देने का पूरा प्रारूप बनाया है। इसके तहत जरूरतमंद अधिवक्ताओं को अपने बार एसोसिएशनों को आवेदन देना होगा। उसके बाद आवेदनों की छँटनी करने के बाद बार एसोसिएशन उपयुक्त प्रकरण स्टेट बार को भेजेगा।
योजना में बनाई गई कैटेगरी
योजना में बार एसोसिएशनों के लिए कैटेगरी बनाई गई है। इसके अनुसार जिस एसोसिएशन में सदस्यों की संख्या 100 है, वहाँ के 5 प्रकरण, 5 सौ तक की सदस्य संख्या वाले एसोसिएशन के 8 प्रकरण, एक हजार तक की संख्या वाले एसोसिएशन से 20 और एक हजार से अधिवक्ता संख्या वाले एसोसिएशन 30 प्रकरणों की अनुशंसा कर सकेंगे।
सहायता की बजाय सुनवाई पर दिया जाए जोर
इनका कहना है
प्रदेश के 40 हजार अधिवक्ताओं को तात्कालिक आर्थिक मदद चाहिए। फिलहाल योजना में एक करोड़ रुपए की राशि का जो प्रावधान किया गया, वह काफी कम है। आर्थिक सहायता देने के बजाय अदालतों में मुकदमों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराने पर जोर दिया जाना चाहिए, ताकि अधिवक्ताओं की आय का जरिया शुरू हो सके।
-शिवेन्द्र उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष स्टेट बार काउंसिल
Created On :   24 April 2020 3:08 PM IST