ऑक्सीजन प्लांट - सरकार देगी 75 लाख  पर स्थानीय फंड नहीं मिलने से रुका प्लांट के निर्माण का कार्य 

Oxygen Plant - Government will give 75 lakh rupees but work stopped due to non-availability of local funds
ऑक्सीजन प्लांट - सरकार देगी 75 लाख  पर स्थानीय फंड नहीं मिलने से रुका प्लांट के निर्माण का कार्य 
ऑक्सीजन प्लांट - सरकार देगी 75 लाख  पर स्थानीय फंड नहीं मिलने से रुका प्लांट के निर्माण का कार्य 

तीसरी लहर की ये कैसी तैयारी - राशि के अभाव में रुका है विक्टोरिया अस्पताल का दूसरा प्लांट, मिलिट्री हॉस्पिटल और मेडिकल में भी लग रहे प्लांट समय से पीछे, वक्त से पहले तैयार हो गए तो मिलेगा फायदा
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना की दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत ने कई जिंदगियाँ छीन लीं। पहली लहर में किए गए तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हुए। अब जब तीसरी लहर की तैयारियों का वक्त है तब जनप्रतिनिधियों की बेरुखी ने ऑक्सीजन प्लांट की फंडिंग में अड़ंगा लगा दिया है। दरअसल, विक्टोरिया में 96 लाख (तकरीबन 1 करोड़) की लागत के प्लांट के लिए 75 लाख सरकार देगी लेकिन बाकी के 21 लाख रुपए जनप्रतिनिधियों अथवा  डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से हासिल करना होगा। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों का रूझान न आने की वजह से डीएमएफ की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इसमें लंबा वक्त लगना तय है।   राज्य शासन ने प्रदेश के सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट बनाने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद जबलपुर में जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और मिलिट्री हॉस्पिटल में प्लांट बनने की प्रक्रिया शुरू की गई। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा फेेज-1 स्कीम के अंतर्गत विक्टोरिया हॉस्पिटल में अप्रैल माह में एक प्लांट बनकर शुरू भी हो गया लेकिन जरूरत को देखते हुए एक और दूसरे प्लांट की स्वीकृति दे दी गई। मेडिकल कॉलेज और मिलिट्री हॉस्पिटल में अभी ज्यादा कुछ हो नहीं पाया है लेकिन विक्टोरिया का काम फंड की वजह से पूरी तरह अधर में पड़ गया है। 
 मेडिकल प्रबंधन को जानकारी नहीं
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीके कसार का कहना है कि ऑक्सीजन प्लांट बनाए जाने को लेकर अभी कोई जानकारी या लेटर नहीं आया है। अगर प्लांट बनेगा तो मरीजों को लाभ मिलेगा। कोल इंडिया लिमिटेड की कंपनी एनसीएल द्वारा प्रदेश के 5 मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 10 करोड़ का चैक सीएम को सौंपा गया है। 
जनप्रतिनिधियों का सहयोग नहीं
विक्टोरिया में बन रहे दूसरे प्लांट के शुरू होने में फंड की कमी रास्ते में आ रही है। सरकार द्वारा निर्देश दिए गए कि यह राशि स्थानीय सांसद एवं विधायक निधि से अथवा डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से ली जा सकती है। हॉस्पिटल के सूत्रों के अनुसार इसके लिए जब स्थानीय सांसद एवं स्थानीय विधायक से संपर्क किया गया है तो उन्होंने राशि देने से मना कर दिया। वहीं डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से पैसे स्वीकृत होने में महीनों का समय लग सकता है।
फंड की कमी से काम बंद
इनका कहना है
विक्टोरिया में फेज-1 प्लांट अप्रैल में शुरू हो गया था। यह 98.5 प्रतिशत शुद्धता की मेडिकल ऑक्सीजन जनरेट कर रहा है। फंड न होने के चलते दूसरे प्लांट का कार्य अभी फिलहाल रुका हुआ है। अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय विधायक, सांसद एवं डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से राशि जुटाने कहा गया है, जैसे ही राशि प्राप्त होगी, काम शुरू हो जाएगा।
डॉ. संजय जैन, आरएमओ,  जिला अस्पताल विक्टोरिया
* मेरी सांसद निधि अपने संसदीय क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समर्पित रही है इससे कई कार्य कराए गए हैं। आगे के व्यय के लिए भी योजना तैयार है।                                राकेश सिंह, सांसद।
 

Created On :   15 Jun 2021 10:27 AM GMT

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