२० जनवरी को बंद हो गई थी धान की खरीदी,समितियों और बैंकों के चक्कर काट रहे है किसान

Paddy procurement was stopped on January 20, farmers are doing rounds of committees and banks
२० जनवरी को बंद हो गई थी धान की खरीदी,समितियों और बैंकों के चक्कर काट रहे है किसान
पन्ना २० जनवरी को बंद हो गई थी धान की खरीदी,समितियों और बैंकों के चक्कर काट रहे है किसान

डिजिटल डेस्क ,पन्ना।समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का भुगतान की बड़ी समस्या है। किसानों ने अपनी उपज तो बेंच दी है परंतु भुगतान की गति काफी धीमी होने की वजह से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है हालत यह है कि किसान बार-बार समितियों और बैंक के चक्कर काट रहे है खरीदी का कार्य समाप्त हो चुके २५दिन गुजर चुकें है अभी-अभी हजारों की संख्या में किसानों का ५०करोड़ से भी अधिक का भुगतान नही हुआ है। जानकारी के अनुसार पन्ना जिले में समर्थन मूल्य पर जिले में कुल २२ हजार ३३८ किसानों से १३लाख ६३हजार ९०५.१८क्ंिवटल धान का उपार्जन किया गया जिसके विरूद्ध कुल भुगतान २६४ करोड़ ५९ लाख ४५रूपए ३२ पैसे किसानों को देयक के रूप में देय है जिसके विरूद्ध आज दिनांक १४ फरवरी तक २१४ करोड़ ५३ लाख ८९ हजार ५४ रूपए का भुगतान हो पाया है और ५०  करोड़ ५लाख ८६ हजार ९१९ रूपये ३२ पैसे का भुगतान नही हुआ है। इसकी बड़ी वजह परिवाहन की गति काफी धीमी होने के साथ ही खरीदी केन्द्र से परिवाहन कर भण्डारण के लिये पहँुचे खरीदी धान के बड़े मात्रा में रिजेक्ट का कारण सामने आया है जानकारी के अनुसार इस वर्ष ७८ हजार ४१२.५क्ंिवटल भण्डार ग्रहो में जाकर रिजेक्ट होकर खरीदी केन्द्रों में वापस लौट आई जिसकी गुणवत्ता सही करने और फिर वापस भण्डाग्रहों में जमा करवाने की प्रक्रिया में लगे अधिक समय की वजह से संबंधित किसानों का भुगतान लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी अटका हुआ है। तथा किसान परेशान है।
सात दिन के अदंर किसानों को भुगतान किये जाने का है नियम
नियम के अनुसार बिक्री के समय के १ सप्ताह के भीतर किसानों को पैसा मिल जाना चाहिए यह पैसा उनके खातों में जाता है। वर्तमान में किसानों को १से डेढ़ माह गुजर जाने के बाद भी पैसा मिल रहा है। किसानों की उपज जबतक भण्डारण स्थल तक नही जाती तबतक किसानों को पेैसा नही मिलता इस बार जाँच प्रक्रिया और विभागीय पोर्टपल पर अपलोडिग़ की कार्यवाही काफी धीमी रही इसका नुकसान किसानों को हो रहा है। 
परिवहन के लिये अभी भी ८२ हजार क्ंिवटल धान शेष 
चाहे खरीफ उपार्जन कार्य हो अथवा रवि उपार्जन कार्य हो जिले में सबसे ज्यादा समस्या परिवहन को लेकर देखने मिलती है समय पर परिवहन नही होने की वजह से खुले में बने खरीदी केन्द्रों मे स्टाक अधिक मात्रा में हो जाता है और देखने आया है कि बारिश होने की स्थिति में काफी मात्रा में खरीदी गई उपज भीग जाती है और खराब भी हो जाती है। इस बार भी बारिश होने की वजह से काफी मात्रा में धान भीग गई थी ट्रांसपोर्टर परिवहन के लिये पर्याप्त मात्रा में ट्रक नही लगाते।धान की खरीदी का कार्य बंद हो चुके लगभग २५ दिन हो चुके है और अभी भी लगभग ८२ हजार क्ंिवटल धान का परिवहन आनलाईन रिकार्ड के अनुसार शेष है।
भुगतान की प्रक्रिया बनी जटिल
जानकारी के अनुसार किसानों को भुगतान करने की प्रक्रिया काफी जटिल कर दी गई मैसेज के बाद तौलाई होने बाद तौल पर्ची खरीदी केन्द्र के ऑपरेटर अपलोड करते है। जबतक तय मात्रा भण्डारित नही होती तबतक स्वीकृति पत्रक जारी नही होते इसके बाद स्वीकृती पत्रक समिती को भेजा जाता है। जिसे पोर्टल लोड कर संबंधित बैंक को जानकारी भेजी जाती है। इसके बाद भोपाल स्तर पर जेआई पोर्टल पर पैमेन्ट डाला जाता है। यहां से पैसा किसानों के खातों में ट्रांस्फर होता हेै।

Created On :   15 Feb 2022 12:50 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story