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जिले में अब तक तीन लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी, परिवहन 70 फीसदी
डिजिटल डेस्क शहडोल । बेमौसम बारिश से खरीदी केंद्रों में पड़ी हजारों क्विंटल धान भीग गई है। दूसरी ओर केंद्रों में धान रखने की जगह नहीं होने के कारण खरीदी करने के लिए पहुंचे किसानों की धान भी भीग गई है। जिले में बुधवार तक कुल 316896 क्विंटल धान की खरीदी हुई है, जबकि 230035 क्विंटल धान का परिवहन ही किया जा सका है। 80 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे ही पड़ी हुई है।
जयसिंहनगर धान उपार्जन केंद्र में धान बेचने के लिए पहुंचे किसानों की सालभर की मेहनत पर बुधवार को बारिश ने पानी फेर दिया। यहां किसानों द्वारा लाया गया सैकड़ों क्विंटल धान भीग गई है। खरीदी केंद्र में धान रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। किसान धान को बचाने के लिए परेशान होते रहे। जयसिंहनगर निवासी गोपी चौधरी, बेदी चौधरी, रामप्रसाद, पुरुषोत्तम, विजय आदि ने बताया कि वे सोमवार से यहां पड़े हुए हैं। बोरी नहीं दी जा रही है, जिससे धान का उपार्जन नहीं हो पाया। इसके चलते बुधवार को काफी मात्रा में धान भीग गई है। लैंपस प्रबंधक तीरथ शुक्ला ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे पास संसाधनों और जगह की कमी है। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। जिले के कुछ अन्य सेंटरों में खरीदी के लिए पहुंचे और खरीदी के बाद खुले में पड़ी धान भीग गई है।
बारिश के चलते बंद रही खरीदी
बुधवार को दिनभर हुई बारिश और गुरुवार को बूंदाबांदी के चलते खरीदी केंद्रों में काफी कम संख्या में किसान धान लेकर पहुंचे। गुरुवार को खरीदी का काम लगभग बंद रहा। जानकारी के अनुसार मझगवां और सोहागपुर खरीदी केंद्र में सिर्फ एक-एक किसान ही धान लेकर पहुंचे। सिंहपुर केंद्र में भी किसान नहीं पहुंचे। अधिकतर खरीदी केंद्रों में धान के परिवहन का कार्य जारी रहा, लेकिन खरीदी का काम बंद रहा। जिले में धान खरीदी के लिए 40 केंद्र बनाए गए हैं। वहीं खरीदी के लिए 18410 किसानों ने पंजीयन कराया है। अभी तक 6329 किसानों ने ही धान का विक्रय किया है।
इनका कहना है
अधिकतर खरीदी केंद्रों में तिरपाल ढंका गया था, इसलिए धान नहीं भीगी है। जयसिंहनगर, सिंहपुर सहित कुछ केंद्रों में धान भीगी है। अभी हम सूखी धान ही लोड करवा रहे हैं। ठेकेदार को मना किया गया है कि गीली धान नहीं उठाएंगे। सोसाइटी वाले धान सुखाकर देंगे तो हम उठा लेंगे।
एनएस पवार, जिला प्रबंधक नान
Created On :   3 Jan 2020 3:05 PM IST