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जांच रिपोर्ट में चार पुलिसवालों को नियम उल्लंघन का दोषी बताया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। चांदीवाल आयोग में पेशी के दौरान मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के बीत बंद कमरे में हुई मुलाकात के मामले में चार पुलिस कर्मचारियों को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। चारों पुलिसवाले नई मुंबई के जेल में बंद वाझे को लेकर चांदीवाल आयोग के दफ्तर में गए थे। मुलाकात की बात सामने आने के बाद नई मुंबई पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। अब एक एसीपी स्तर के अधिकारी ने जांच के बाद पाया है कि पुलिसवालों ने नियमों का उल्लंघन कर सिंह और वाझे को अकेले मिलने दिया। अपनी रिपोर्ट में अधिकारी ने चारों पुलिस वालों की वेतनवृद्धि एक साल के लिए रोकने की सिफारिश की है। वाझे फिलहाल एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरन मामले में जेल में बंद है। परमबीर सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने चांदीवाल आयोग का गठन किया है। पिछले साल 29 नवंबर को सिंह और वाझे दोनों चांदीवाल आयोग के सामने बयान दर्ज कराने पहुंचे थे। चार पुलिसवाले वाझे को पेशी के लिए ले गए थे। लेकिन वहां एक कमरे में सिंह और वाझे के बीच लंबी बातचीत हुई जिसको लेकर विवाद हो गया। नई मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वाझे हिरासत में था इसलिए उसे किसी और से मिलने या बात करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए थी। एसीपी विनायक वत्स ने इस मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट नई मुंबई पुलिस आयुक्त बिपिन कुमार सिंह को सौंपी है। पुलिस वालों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है और उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। पुलिसवालों ने जांच के दौरान अपने बयान में कहा कि सिंह उस समय राज्य के पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) थे ऐसे में इतने बड़े अधिकारी को वे कैसे रोक सकते थे। पुलिसवालों के जवाब के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर फैसला होगा।
Created On :   17 Jan 2022 1:37 PM IST