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देशमुख नहीं परमबीर थे नंबर-1, वाझे को दिया था प्रतिदिन 2 करोड़ की वसूली का लक्ष्य
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सीआईयू के तत्कालीन प्रमुख सचिन वाझे को रोजाना दो करोड़ रूपए जबरन वसूलने का टार्गेट दिया था। साथ ही परमबीर सिंह ही नंबर एक थे जिनके लिए वाझे वसूली करता था। सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटील ने अपने बयान में मुंबई पुलिस से यह दावा किया है। पाटील का यह बयान मुंबई पुलिस द्वारा परमबीर सिंह और सचिन वाझे समेत चार आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र का हिस्सा है।
पाटील के मुताबिक वसूली के लिए मुंबई के लिए मुंबई के होटल और बार मालिकों की एक बैठक में वाझे ने रोजाना दो करोड़ रुपए वसूलने का टार्गेट मिलने और सिंह के नंबर एक होने की बात कही थी। परमबीर सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर वाझे के जरिए हर महीने मुंबई के बारों से 100 करोड़ रुपए वसूल करवाने का आरोप लगाया था। लेकिन अब सिंह खुद इस फंदे में फंसते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा एक गवाह ने बताया है कि पिछले साल 31 अगस्त को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की यूनिट 11 में शिकायतकर्ता बिमल अग्रवाल, वाझे और यूनिट के तत्कालीन प्रभारी सुनील माने के बीच एक बैठक हुई थी। बैठक में वाझे ने दावा किया था कि तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उसे मुंबई के सभी बुकियों से वसूली करने को कहा है।
वसूल किए गए पैसों में से 75 फीसदी सिंह को जबकि 25 फीसदी उसे मिलेगा। पुलिस का दावा है कि वाझे मुंबई के बारों से गुडलक के रुप में 2 लाख रुपए और हर महीने डेढ़ लाख रुपए हफ्ता देने को कहता था ऐसा न करने पर छापेमारी कर बार बंद कराने की धमकी देता था। मुंबई पुलिस ने ऐसे कई बार मालिकों के बयान दर्ज किए हैं जिनसे वाझे ने वसूली की है। पुलिस का दावा है कि वसूली के लिए अपराध शाखा की कांदिवली स्थित यूनिट और मुंबई पुलिस आयुक्तालय में स्थित सीआईयू में बैठकें होती थी।
ह्वाट्सएप कॉल बढ़ाएगी मुसीबत
आरोपपत्र के साथ मुंबई पुलिस ने सचिन वाझे और परमबीर सिंह के खिलाफ सबूत के रूप में रिकॉर्ड किए गए 69 ऑडियो क्लिप भी पेन ड्राइव में अदालत को सौंपे हैं। शिकायतकर्ता बिमल अग्रवाल ने वाझे और मामले के एक गवाह मनन नायक के साथ ह्वाट्सएप कॉल पर हुई बातचीत रिकॉर्ड कर ली थी जिसे उन्होंने पुलिस को सौंपा है। दरअसल वाझे को यकीन था कि ह्वाट्सएप पर हुई बातचीत रिकॉर्ड नहीं की जा सकती लेकिन शिकायतकर्ता ने दूसरे मोबाइल के जरिए यह बातचीत रिकॉर्ड कर ली। जो अब वाझे और सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
जबरन लिए मंहगे मोबाइल फोन
मुंबई पुलिस के मुताबिक वाझे ने दुकानदारों और बार मालिकों से पैसों के अलावा मोबाइल भी लिए हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक वाझे ने दूसरे पुलिसवालों और अपने गुर्गों सुमित सिंह, पी अल्पेश, विनय सिंह और रियाज भाटी के जरिए बोहो रेस्टारेंट एंड बार के मालिक से कार्रवाई न करने के नाम पर 9 लाख रुपए और सैमसंग कंपनी का फोल्ड 2 मोबाइल फोन लिया था जिसकी कीमत 2 लाख 92 हजार रुपए है। इसके अलावा मोबाइल शॉपी चलाने वाले सुमीत निसार, हितेश सावला और एक व्यापारी चंदा मेघाणी से भी वाझे ने जबरन दो-दो सैमसंग फोल्ड 2 मोबाइल लिए थे। पुलिस ने ये मोबाईल फोन तीन लोगों से बरामद कर लिए हैं।
Created On :   6 Dec 2021 7:26 PM IST