पार्किंग शुल्क 5 रुपए, कर रहे 10 रुपए की वसूली

Parking fee is Rs 5, recovering Rs 10
पार्किंग शुल्क 5 रुपए, कर रहे 10 रुपए की वसूली
गोरखधंधा पार्किंग शुल्क 5 रुपए, कर रहे 10 रुपए की वसूली

डिजिटल डेस्क, नागपुर. तहसील कार्यालय परिसर में स्थिति पार्किंग स्टैंड में वाहन धारकों से अवैध धन उगाही की जा रही है। कई बार तहसीलदार से शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अनेक वाहन धारकों ने पार्किंग स्टैंड संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा तहसील कार्यालय को वाहन पार्किग शुल्क से मुक्त करने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक दोपहिया वाहन का पार्किंग शुल्क 5 रुपए व चौपहिया वाहन का पार्किंग शुल्क 20 रुपए निर्धारित है। पार्किंग स्टैंड संचालक द्वारा दोपहिया वाहन चालकों से 10 रुपए व चौपहिया वाहन धारकों से 30 रुपए शुल्क वसूला जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि पार्किंग स्टैंड का ठेका टाइगर कैटरिंग एंड एसोसिएट्स को फरवरी माह तक के लिए दिया गया था। अब ठेका समाप्ति के बाद हर माह इसकी अवधि बढाई जा रही है। विगत लगभग 13 माह से यह गोरखधंधा शुरू है।

जानकारों के मुताबिक यहां रोजाना 500 से 700 दोपहिया वाहन  व करीब 30 चौपहिया वाहन पार्क किए जाते हैं। प्रतिदिन 7-8 हजार रुपए अतिरिक्त आय अर्जित होती है। इस प्रकार ठेकेदार सालाना 15 से 21 लाख रुपए तक कमा रहा है। बदले में खर्च के नाम पर 5 युवकों को प्रति व्यक्ति 7 हजार रुपए वेतन के हिसाब से मासिक 35 हजार रुपए दिए जाते हैं। इस पर लगभग 4 लाख 20 हजार रुपए खर्च होऐ हैं, जबकि सालाना आय 10 से 15 लाख से अधिक है। रिकाॅर्ड में पार्किंग शुल्क 5 रुपए की दर से ही प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस मामले में तहसीलदार सूर्यकांत पाटील ने स्पष्ट किया था कि पार्किंग शुल्क 5 रुपए ही वसूला जाना चाहिए। पार्किंग स्टैंड पर दी जा रही पर्ची में शुल्क अंकित नहीं है। कर्मचारी हाथ से शुल्क 10 रुपए लिखकर वसूली कर रहे हैं।

ठेकेदारों ने लगाई चपत 
यह लूट-खसोट वर्षों से शुरू है। वर्ष 2005-06 के बीच यहां वाहन पार्किंग का ठेका अशफाक अली नामक ठेकेदार को दिया गया था। इसने कई वर्षों तक पार्किंग शुल्क वसूलने के बावजूद रकम सरकारी खजानें में जमा नहीं की और करीब 20-25 लाख रुपए हड़प लिए। इसके बाद तिवारी नामक ठेकेदार को वर्ष 2012-13 में ठेका दिया गया। इसने भी शासन को करीब 16 लाख का चूना लगा दिया। वर्ष 2015-17 में पाटील नामक स्टैम्प वेंडर ने ठेका प्राप्त कर वाहन पार्किंग को शुरू किया, लेकिन बाद में घाटे का सौदा बताकर नुकसान भरपाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। 

कार्रवाई करेंगे

सूर्यकांत पाटील, तहसीलदार के मुताबिक पहले भी इस तरह की शिकायतें मिली हैं, जिन्हें संज्ञान में लेते हुए ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता पार्किंग शुल्क पर्ची के साथ लिखित शिकायत करें, तो दोषी ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

 

Created On :   5 May 2022 5:26 PM IST

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