- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- संसद : किसानों की जान बचाने...
संसद : किसानों की जान बचाने कीटनाशकों पर शीघ्र लगे प्रतिबंध, बफर स्टॉक से एक लाख टन प्याज रिलीज हो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने सोमवार को सदन में हानिकारक कीटनाशक पर प्रतिंबध लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में खेतों में कीटनाशकों के छिडकाव के बाद बीमार पड़े थे और करीब इससे 63 किसानों ने अपनी जान गंवाई थी। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि वह किसानों के स्वास्थ्य पर प्रभाव ड़ालने वाले तीन कीटनाशक अब भी बाजार में बेचे जा रहे है, जिन पर शीघ्र प्रतिबंध लगाया जाए। सांसद देसाई ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कीटनाशकों के उपयोग से फसलों की सुरक्षा जरुर होती है, लेकिन कुछ ब्रांडेड कीटनाशकों में ऐसे रसायन हैं, जो किसानों के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव डालते है। उन्होंने सदन को बताया कि वर्ष 2018 में महाराष्ट्र सरकार की मांग पर केन्द्र सरकार ने 14 मई 2020 को एक अधिसूचना जारी कर एसीफेट और मोनोक्रोटोफॉस सहित 27 हानिकारक कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन घातक कीटनाशकों में से तीन ऐसे है जो अब भी बाजार में बिक रहे है जिन पर प्रतिबंध लगाया जाना बाकी है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि वह इस मामले को देखे और किसानों की जान बचाने के लिए उन कीटनाशकों पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाए।
नेफेड द्वारा बफर स्टॉक में रखा एक लाख टन प्याज रिलीज किया जाए
अहमदनगर से भाजपा सांसद सुजय विखे पाटील ने लोकसभा में प्याज की निर्यात पर लगाई रोक तत्काल हटाने की मांग की। इसके साथ उन्होंने यह बात भी कहीं कि प्याज पर पूरी तरह से प्रतिबंध न लगाकर एक मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस तय कर दी जाए। सांसद पाटील ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार इस प्रतिबंध को तुरंत हटाए और प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए नेफेड द्वारा बफर स्टॉक में रखे एक लाख टन को रिलीज करके मार्केट में लाया जाए ताकि मांग और आपूर्ति का संतुलन बना रहे। किसान अपने प्याज का निर्यात करके लाभान्वित हो।
विकास निधि का तत्काल वितरण किया जाए
दिंडोरी से सांसद डॉ भारती पवार ने आदिवासी क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए केन्द्रीय विशेष वित्तीय सहायता योजना के तहत विकास निधि का महाराष्ट्र सरकार की ओर से वितरण नहीं किए जाने के मुद्दे की ओर सरकार का ध्यान आक र्षित किया। उन्होंने सदन को बताया कि आदिवासी क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए विशेष केन्द्रीय वित्तीय सहयता योजना, वन बंधु योजना, आदिम जनजाति विकास योजना जैसी सौ योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई जैसे बुनियादी काम किए जाते है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की ओर से इन योजनाओं के तहत राज्य को निधि वितरित की जाती है, लेकिन खेद की बात है कि महाराष्ट्र सरकार के आदिवासी विभाग ने इन योजनाओं की निधि के वितरण पर रोक लगाई है। जिसके कारण आदिवासी क्षेत्र में विकास के काम नहीं हो पा रहे है। सांसद पाटील ने सरकार से अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को निर्देश दे कि आदिवासी विकास निधि का तत्काल रुप से वितरण किया जाए।
केन्द्र सरकार ने बढ़ाई रबी फसलों की एमएसपी
कृषि बिल के जबर्दस्त विरोध के बीच केन्द्र सरकार ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में रबी फसलों की एमएसपी में 50 रूपये से लेकर 300 रूपये तक की वृद्धि की गई है। तोमर ने रबी की बुवाई प्रारंभ होने से पूर्व ही 6 रबी फसलों की एमएसपी की घोषणा की है। उन्होने बताया कि रबी सीजन के लिए गेहूं की एमएसपी में 50 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि उपरांत एमएसपी अब 1975 रूपये प्रति क्विंटल हो गई है। चने की एमएसपी में 225 रूपये बढ़ाकर 5100 रूपये प्रति क्विंटल कर दी गई है तो मसूर की एमएसपी 300 रूपये प्रति क्विंटल बढ़कर अब 5100 रूपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी प्रकार सरसों की एमएसपी में 225 रूपये तो जौ की एमएसपी में 75 रूपये की वृद्धि की गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि दलहनों व तिलहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एमएसपी बढ़ाई गई है। उन्होने जोर देकर कहा कि एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी तो वहीं मंडियों की व्यवस्था भी बरकरार रहेगी।
Created On :   21 Sept 2020 9:06 PM IST