पाटील ने कहा- गुरुवार तक बंट जाएंगे विभाग, मंत्रिमंडल में 13 जिलों को नहीं मिल सका प्रतिनिधित्व

Patil said - departments will be divided till Thursday in Ministry
पाटील ने कहा- गुरुवार तक बंट जाएंगे विभाग, मंत्रिमंडल में 13 जिलों को नहीं मिल सका प्रतिनिधित्व
पाटील ने कहा- गुरुवार तक बंट जाएंगे विभाग, मंत्रिमंडल में 13 जिलों को नहीं मिल सका प्रतिनिधित्व

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर खिंचतान तेज हो गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कहे अनुसार बुधवार को भी विभागों का बंटवारा नहीं हो सका। राकांपा प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री जयंत पाटील ने कहा है कि विभागों का बंटवारा गुरुवार तक हो जाएगा। उन्होंने दावा कि विभागों के बंटवारे को लेकर शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के बीच कोई मतभेद नहीं है। सोमवार को 36 नए मंत्रियों के शपथ के साथ राज्य में मंत्रिपरिषद् के सदस्यों की संख्या अब 43 हो गयी है। इस बीच विभागों के बंटवारे को लेकर दिनभर बैठकों का दौर चला। दरअसल कांग्रेस अपने हिस्से आए विभागों से सतुंष्ट नहीं है। पार्टी ग्रामीण विकास व कृषि जैसे विभाग चाहती है। जबकि राकांपा गृह विभाग के लिए अड़ी हुई है और शिवसेना यह विभाग छोड़ना नहीं चाहती। सूत्रों के अनुसार ठाकरे मंत्रिमंडल में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की नजर राजस्व विभाग पर है जबकि इस विभाग पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात पहले से कब्जा जमाए हैं। इसी तरह राकांपा कोटे के मंत्री नवाब मलिक धार्मिक कारणों से आबकारी विभाग नहीं लेना चाहते। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिस्सा लेने के बाद वित्त मंत्री पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जीएसटी राजस्व बढ़ाने के संबंध में बैठक हुई। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) को क्या महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (एमएससी बैंक) के साथ मिला दिया जाएगा, इस बारे में पाटिल ने कहा कि पीएमसी बैंक का संचालन तीन राज्यों में फैला है। इसलिए इसे एमएससी बैंक के साथ मिलाने में दिक्कतें हैं। कर्ज माफी योजना को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा सरकार की आलोचना पर पाटिल ने कहा-मुझे फडणवीस के लिए सहानुभूति है। वे अब विपक्ष में हैं इसलिए वह इस तरह से बोलते रहेंगे।

उद्धव के मंत्रिपरिषद में 13 जिलों को नहीं मिल सका प्रतिनिधित्व

महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार के मंत्री परिषद में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 43 मंत्रियों का समावेश है। मंत्री परिषद में 32 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हैं। इसके बावजूद राज्य के 36 जिलों में से 13 जिलों को मंत्री परिषद में प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है। मंत्रिपरिषद में अकोला, वाशिम, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, गडचिरोली, हिंगोली, परभणी, उस्मानाबाद, धुलिया, पालघर, सिंधुदुर्ग, सोलापुर जिले से एक भी मंत्री नहीं हैं। 

विदर्भ के 6 जिलों को नहीं 

ठाकरे सरकार में विदर्भ अंचल से 8 मंत्री शामिल किए गए हैं। लेकिन विदर्भ के 11 जिलों में से 6 जिलों अकोला, वाशिम, वर्धा, गोंदिया, भंडारा और गडचिरोली से एक भी मंत्री नहीं बनाए जा सके। जबकि विदर्भ के 5 जिलों नागपुर, अमरावती, चंद्रपुर, यवतमाल और बुलढाणा से 8 मंत्री बनाए गए हैं। नागपुर से कांग्रेस ने नितीन राऊत व सुनील केदार और राकांपा ने अनिल देशमुख को कैबिनेट मंत्री बनाया है। अमरावती से कांग्रेस की यशोमती ठाकुर को कैबिनेट मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चु कडु को राज्य मंत्री पद मिला है। विधानसभा की 62 सीटों वाले विदर्भ अंचल में 17 विधायकों वाली कांग्रेस ने 4 कैबिनेट मंत्री बनाए हैं। 6 विधायकों वाली राकांपा ने 2 कैबिनेट मंत्री, 4 विधायकों वाली शिवसेना ने 1 कैबिनेट मंत्री और शिवसेना को समर्थन देने वाली प्रहार जनशक्ति पार्टी को 1 राज्य मंत्री पद मिला है। 

मराठवाड़ा के 3 जिले वंचित 

मराठवाड़ा संभाग के 8 जिलों में से 3 जिल मंत्री पद से वंचित हैं। मराठवाड़ा के 3 जिले हिंगोली, परभणी और उस्मानाबाद जिले से एक भी मंत्री नहीं है। जबकि 5 जिले औरंगाबाद, नांदेड़, बीड़ जालना और लातूर जिले से 7 मंत्री बनाए गए हैं। ठाकरे सरकार में औरंगाबाद से शिवसेना ने संदीपान भुमरे को कैबिनेट और अब्दुल सत्तार को राज्य मंत्री बनाया है। नांदेड़ से कांग्रेस ने अशोक चव्हाण को कैबिनेट मंत्री पद दिया है। बीड़ से राकांपा ने धनंजय मुंडे और जालना से राजेश टोपे को कैबिनेट मंत्री बनाया है। लातूर से कांग्रेस ने अमित देशमुख को कैबिनेट मंत्री और राकांपा ने संजय बनसोडे को राज्य मंत्री पद दिया है। विधानसभा की 46 सीटों वाले मराठावाड़ा में शिवसेना के 12 विधायक हैं। यहां से शिवसेना ने 1 कैबिनेट मंत्री और 1 राज्य मंत्री बनाया है। 8 विधायकों वाली राकांपा ने 2 कैबिनेट मंत्री व 1 राज्य मंत्री और 8 सीटों वाली कांग्रेस ने 2 कैबिनेट मंत्री बनाए हैं। 

उत्तर महाराष्टर में धुलिया से कोई मंत्री नहीं 

उत्तर महाराष्ट्र अंचल के 5 जिलों में से 1 जिले धुलिया को इस बार प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। जबकि 4 जिले से 7 मंत्री बनाए गए हैं।  जलगांव से 1, नंदूरबार से 1, नाशिक से 2 और अहमदनगर से 3 मंत्री राज्य मंत्रिपरिषद में हैं। नंदूरबार से कांग्रेस ने के सी पाडवी को कैबिनेट मंत्री, जलगांव से शिवसेना ने गुलाबराव पाटील को कैबिनेट मंत्री, नाशिक से राकांपा ने छगन भुजबल को कैबिनेट मंत्री व शिवसेना ने दादाजी भुसे को कैबिनेट मंत्री बनाया है। जबकि अहमदनगर से कांग्रेस ने बालासाहब थोरात को कैबिनेट मंत्री और राकांपा ने प्राजक्त तनपुरे को राज्य मंत्री पद दिया है। वहीं शिवसेना समर्थक निदर्लिय विधायक शंकरराव गडाख को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। विधानसभा में उत्तर महाराष्ट्र की 47 सीटें हैं। उत्तर महाराष्ट्र में शिवसेना के 6 विधायक हैं इसमें से 2 विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया है। 13 विधायकों वाली राकांपा ने 1 कैबिनेट मंत्री और 1 राज्य मंत्री बनाया है। 7 विधायकों वाली कांग्रेस ने 2 कैबिनेट मंत्री पद दिया है। जबकि शिवसेना को समर्थन देने वाली क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी को 1 कैबिनेट मंत्री पद मिला है। 

पश्चिम महाराष्ट्र में सोलापुर को नहीं मिला मौका 

पश्चिम महाराष्ट्र के 5 जिलों में से 1 जिले सोलापुर को मंत्री पद नहीं मिल सका है। जबकि यहां के 4 जिलों से 10 मंत्री बनाए गए हैं। पुणे जिले से राकांपा ने अजित पवार को उपमुख्यमंत्री और दिलीप वलसे पाटील को कैबिनेट मंत्री बनाया है। जबकि दत्ता भरणे को राज्य मंत्री पद पर दिया है। सांगली से राकांपा ने जयंत पाटील को कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस ने विश्वजीत कदम को राज्य मंत्री पद दिया है। सातारा से राकांपा ने बालासाहब पाटील को कैबिनेट मंत्री और शिवसेना ने शंभुराजे देसाई को राज्य मंत्री पद दिया है। कोल्हापुर से राकांपा ने हसन मुश्रीम को कैबिनेट मंत्री, कांग्रेस ने सतेज पाटील को राज्य मंत्री और शिवसेना ने निर्दलीय राजेंद्र पाटील (यड्रावकर) को राज्य मंत्री पद दिया है। 58 सीटों वाली पश्चिम महाराष्ट्र में राकांपा ने 22 विधायकों में से 6 विधायकों को मंत्री पद दिया है। शिवसेना ने 5 विधायकों में से 1 विधायक को राज्य मंत्री और एक समर्थक विधायक को भी राज्य मंत्री पद दिया है। जबकि 10 विधायकों वाली कांग्रेस  2 विधायकों को राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दी है। 

कोंकण अंचल में पालघर को नहीं मिला मंत्री पद 

कोंकण अंचल के 6 जिलों में से 2 जिले पालघर और सिंधुदुर्ग  को मंत्री परिषद में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। मुंबई से शिवसेना ने आदित्य ठाकरे को कैबिनेट मंत्री और अनिल परब को कैबिनेट मंत्री, सुभाष देसाई को कैबिनेट मंत्री, कांग्रेस ने असलम शेख को कैबिनेट मंत्री और राकांपा ने नवाब मलिक को कैबिनेट मंत्री पद दिया है। ठाणे से शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को कैबिनेट मंत्री व राकांपा ने जितेंद्र अव्हाण को कैबिनेट मंत्री, रत्नागिरी से शिवसेना ने उदय सामंत को कैबिनेट मंत्री, रायगड से राकांपा ने अदिती तटकरे को राज्य मंत्री बनाया है। कोंकण की 75 सीटों में से शिवसेना के पास 29, राकांपा के पास 5 और कांग्रेस के पास 5 विधायक हैं। 
 

 

Created On :   1 Jan 2020 4:07 PM GMT

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