औरंगाबाद का नाम बदलने के मामले को गंभीरता से नहीं लेता- पवार

Pawar does not take the matter seriously of renaming Aurangabad
औरंगाबाद का नाम बदलने के मामले को गंभीरता से नहीं लेता- पवार
औरंगाबाद का नाम बदलने के मामले को गंभीरता से नहीं लेता- पवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर अड़ी शिवसेना को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने तगड़ा झटका दिया है। शुक्रवार को पवार ने कहा कि मैं औरंगाबाद के नामांतरण के मामले को गंभीरता से नहीं लेता। इसलिए मैंने इस मुद्दे पर अब तक बयान भी नहीं दिया। शुक्रवार को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नामांतरण के मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी में कोई विवाद नहीं है। आप औरंगाबाद कहिए। उस्मानाबाद को धाराशिव कहिए या फिर और कुछ बोलिए। मैं इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेता हूं। इससे पहले मुख्यमंत्री के ट्वीटर हैंडल पर औरंगाबाद को संभीजनगर और उस्मानाबाद को धाराशिव लिखा गया था। जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समर्थन किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि मुगल शासक औरंगजेब सेक्युलर नहीं था। इसलिए महाविकास आघाड़ी सरकार के सेक्युलर एजेंडे में औरंगजेब फिट नहीं बैठता। 

मुझे टीका मिला तो मैं तुरंत लगवा लूंगा 

कोरोना के टीका पर जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे पहले टीका लगवाने की हो रही मांग पर पवार ने कहा कि यदि मुझे टिका मिला तो मैं तुरंत जाकर टीका लगवा लूंगा। पवार ने कहा कि कोरोना के टीके के लिए गलतफहमी पैदा करने की जरूरत नहीं है। पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अंतरराष्ट्रीय स्तर बेहतर काम करने वाली संस्था है। देश की यह संस्था पूरे विश्व को रास्ता बताने में सफल हो रही है। मैं संस्था पर शंका नहीं करूंगा।

किसान आंदोलन को लेकर जारी है बातचीत 

इस दौरान पवार ने कहा कि किसानों के आंदोलन को लेकर लेफ्ट समेत दूसरे दलों के नेताओं से बातचीत जारी है। कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति को लेकर किसानों की शिकायत है। इन शिकायतों को आधार नजर आ रहा है। इसलिए हम लोग सोचेंगे कि आगे क्या करना है। आंदोलन को खत्म करने के लिए रास्ता निकालने की जरूरत है। 

राज्यपाल का राममंदिर के लिए चंदा जुटाना अजब

एक सवाल के जवाब में कहा कि पवार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के काम में राज्य के राज्यपाल भी शामिल हो रहे हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं। यदि यह सच बात है तो बहुत ही अजब है। पवार ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश के प्रमुख हैं। जिस मुद्दों को लेकर उलट-सुलट चर्चा शुरू है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल को थोड़ा दूर रहना समझदारी का लक्षण है। 

Created On :   15 Jan 2021 8:46 PM IST

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