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पवार की नसीहत- किसान आंदोलन पर समझदारी दिखाए केंद्र, दिल्ली तक सीमित नहीं मसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार समझदारी दिखाए वरना यह आंदोलन दिल्ली तक समीति नहीं रहेगा। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसको गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया तो यह आंदोलन दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि देश के कौने-कौने से लोग किसानों के समर्थन में खड़े हो जाएंगे और समस्या का सामाधान अपने तरीके से करवाएंगे। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि पूरे देश की कृषि में सबसे अधिक योगदान पंजाब और हरियाणा के किसानों का है। दोनों राज्यों के किसान देश की गेहूं और चावल की भूख मिटाते हैं। भारत विश्व से 17 से 18 देशों में अनाज की आपूर्ति करता है। इसमें पंजाब और हरियाणा के किसानों का योगदान बहुत बड़ा है। इसलिए जब पंजाब और हरियाणा के किसान सड़क पर उतरते हैं तो केंद्र सरकार को इसका गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से केंद्र सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। पवार ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केंद्र सरकार मूल मुद्दों को ही छूना ही नहीं चाहती है। केंद्र सरकार ने जब कृषि विधेयकों को संसद में मंजूरी के लिए पेश किया था तो सत्ताधारी दलों को छोड़कर बाकी सभी दलों ने कहा था कि इसको जल्दबाजी में मंजूर नहीं कराया जाना चाहिए। विपक्ष ने विधेयकों को चयन समिति के पास भेजने और उस पर चर्चा के लिए सुझाव दिया था। लेकिन सरकार ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। सदन में भी विधेयकों पर चर्चा नहीं हो पाई। सरकार ने जल्दबाजी में तीनों विधेयकों को मंजूर करा लिया। अब इसका परिणाम सरकार को भुगतने पड़ रहे हैं।
पवार 9 को राष्ट्रपति से मिलेंगे
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच राकांपा अध्यक्ष पवार 9 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार पवार विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें किसानों की समस्याओं के बारे में अवगत कराएंगे।
पवार ने राऊत का जाना हालचाल
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने शिवसेना सांसद संजय राऊत से मिलकर करके उनका हालचाल जाना। रविवार को पवार ने राऊत के उपनगर भाडूंप स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मौके पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे मौजूद थे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच दिल्ली की सीमा पर चले रहे किसानों के आंदोलन के बारे में चर्चा हुई। साथ ही पवार ने राऊत की तबीयत के बारे में उनसे पूछताछ की। पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री अजित ने कहा कि राऊत की तबीयत एकदम ठीक है। डॉक्टरों ने उन्हें दो दिनों तक आराम की सलाह दी थी। डॉक्टरों ने उन्हें सावधानी बरतने को कहा है। जिसका वह पालन करेंगे। अजित ने बताया कि राऊत सोमवार से अपने दैनिक कामकाज की शुरुआत कर देंगे। इससे पहले राऊत की लीलावती अस्पताल में एंजियोप्लास्टी हुई थी। जिसके बाद उन्हें शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
Created On :   6 Dec 2020 7:25 PM IST