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तीन माह बाद भी अटका पड़ा किसान का धान खरीदी का भुगतान
डिजिटल डेस्क, पन्ना। प्रदेश की शिवराज सरकार आम जनमानस एवं किसान कल्याण के लिए अनेकों योजनाओं को मध्यप्रदेश में तेजी से लागू कर उसका समुचित लाभ जनता को देने के प्रयास में रहती है परंतु भ्रष्ट अफसर इन योजनाओं पर पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है। जिससे किसान और आम जनता अच्छी खासी हैरान होती है ऐसा ही किसानों के साथ शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसल धान खरीदी में हुआ जहां महीनों से किसानों की धान का भुगतान उसे प्राप्त नहीं हो पा रहा है और वह निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर पर चक्कर काट रहा है। अमानगंज कृषि उपज मंडी समिति में कर्णावती एग्रो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा शासन के धान खरीदी केन्द्र में हजारों किसानों ने अपनी-अपनी धान सरकार को सरकारी दाम पर बिक्री की शासन के नियम अनुसार धान का रूपया किसान को एक सप्ताह के अंदर उसके खाते में सीधे ऑनलाइन आने का सरकार ने वादा किया था परंतु अब तक कई किसानों की धान का पैसा नहीं मिल रहा है और वह अधिकारी और कर्मचारियों से अपना निवेदन करता देखा जा रहा है।
भुगतान नही मिलने से परेशान हो रहे है किसान
कृषक राजेश छिरोलिया ने संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया कि 14 दिसंबर 2021 को मैंने अमानगंज खरीदी केन्द्र अपनी 10 क्ंिवटल 80 किलो धान 1940 रुपये प्रति क्विटल की दर पर बेची थी। जिसका भुगतान 20952 बन रहा था धान सरकारी खरीदी की पूरी प्रशासनिक प्रक्रिया को पूरा करने के बाद पास होने के बाद खरीदी गई थी। और एक सप्ताह के अंदर मेरी धान का भुगतान करने की रसीद मुझे प्राप्त हुई थी परंतु आज दिनांक तक मुझे भुगतान प्राप्त नहीं हुआ और 3 महीने से में अपनी धान के भुगतान के लिए परेशान दर-भटक रहा हूँ।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी मिली निराशा
मामले की शिकायत राजेश छिरोलिया द्वारा 18 जनवरी को सीएम हेल्पलाइन क्रमांक 16451746 के माध्यम से की गई परंतु मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी मुझे निराशा ही हाथ लगी और एल-1 से लेकर शिकायत एल-4 तक पहुंची और शिकायत का निराकरण यह कहकर कर दिया गया कि शिकायतकर्ता की धान अस्वीकार की गई है। स्वीकार होने के बाद भुगतान कर दिया जाएगा और सीएम हेल्पलाइन भी मेरे लिए महज एक औपचारिकता ही साबित हुई। यह केवल एक किसान की हालत नहीं है ऐसे ही क्षेत्र में अनेकों किसान दर-दर भटक रहे हैं और कहीं अधिकारियों के तो कहीं जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे है।ं लेकिन किसान राजेश छिरोलिया ने कहा कि मुझे यह नहीं पता कि जब खरीदी केन्द्रों में सर्वेयर द्वारा धान को पास किया गया और पूरी प्रशासनिक प्रक्रिया होने के बाद ही धान खरीदी गई तो फिर धान अस्वीकार कहां से हो गई और यदि हुई तो किसान को दी गई रसीद का क्या मतलब जिसमें उल्लेख है कि 7 दिन के अंदर किसान का धान का पैसा खाते में पहुंच जाएगा।
Created On :   31 March 2022 11:02 AM IST