महाराष्ट्र तक पहुंची Pegasus की आग, कांग्रेस ने पूछा- इजरायल क्यों गए थे डीजीपीआर के महानिदेशक?

Pegasus Controversy : Congress asked why did the Director General of DGPR went to Israel
महाराष्ट्र तक पहुंची Pegasus की आग, कांग्रेस ने पूछा- इजरायल क्यों गए थे डीजीपीआर के महानिदेशक?
महाराष्ट्र तक पहुंची Pegasus की आग, कांग्रेस ने पूछा- इजरायल क्यों गए थे डीजीपीआर के महानिदेशक?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पेगासस जासूसी मामले का खुलासा होने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस ने महाराष्ट्र में भी इस तरह की जासूसी की आशंका जताई है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फडणवीस सरकार के समय कुछ अधिकारियों को किस लिए इजरायल भेजा गया था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए नेताओं, पत्रकारो और जजों व वकीलों की जासूसी की गई है। 

सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के दौरान पुलिस अधिकारी रश्मी शुक्ला के माध्यम से अवैध तरीके से फोन टैपिंग का मामला सामने आया है। पर अब ‘पेगासस’ सॉफ्टवेयर का मामला सामने आ रहा है। उस वक्त कोई आईपीएस अधिकारी मंत्रालय में बैठ कर इस मामले में काम कर रहा था क्या? सूचना व जन सम्पर्क विभाग (डीजीआईपीआर) के महानिदेशक किसकी अनुमति से उस वक्त इजरायल गए थे? वहां जाकर उन्होंने कौन सा प्रशिक्षण लिया था। इजरायल से वापस आकर उन्होंने क्या रिपोर्ट दी और ‘पेगासस’ से उनका क्या संबध है? जैसे सवाल कांग्रेस नेता ने उठाए हैं। उन्होंने राज्य की मौजूदा आघाडी सरकार से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है।सावंत ने कहा कि यह बात भी सामने आनी चाहिए कि कौन अधिकारी कितनी बार इजरायल गया था। एनओसी के साथ सरकारी बैठकें हुई थी क्या? उन्होंने कहा कि इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले की जांच की मांग की थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में ‘पेगासस’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से फोन टैपिंग का मामला बेहद गंभीर है। सभी भाजपा शासित राज्यों को इसी तरह कार्य करने के निर्देश दिए गए होंगे। महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के समय फोन टैपिंग इसका एक उदाहरण है। 

जासूसी का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर

पेगासस जासूसी की दुनिया में एक बड़ा नाम है। जिससे फोन और डिवाइस को हैक किया जा सकता है, जब्कि कंपनियां दावा करती हैं कि यह हैकप्रूफ है। यह स्पाईवेयरचुपके से किसी भी डिवाइस की जासूसी कर सकता है। स्पाईवेयर यूजर्स की जानकारी के बिना फोन में मौजूद गोपनीय जानकारी हैकर्स तक पहुंच जाती हैं। माबाइल में स्पाईवेयर है या नहीं यह पता लगाना बेहद मुश्किल है। 

साल 2019 में पेगासस के जरिए ही भारत समेत दुनिया के करीब 1,400 पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी। तो वहीं अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस का व्हाट्सएप भी इसी सॉफ्टवेयर से हैक हुआ था।

 

Created On :   19 July 2021 12:55 PM

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