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सदन : वर्धा में बन रहे रेल उड़ान पुल का लंबित निर्माण कार्य 6 महीने में होगा पूरा - गडकरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वर्धा शहर में रेल उड़ान पुल के निर्माण में तकनीकी कारणों से देरी होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि इस पुल के लंबित निर्माण कार्य को अगले छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल, सांसद रामदास तडस ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस पुल का निर्माण कार्य 1 अक्टूबर 2016 को शुरु हुआ। इसके लिए केन्द्रीय मार्ग निधि योजना के तहत निधि भी मंजूर हुई, लेकिन अभी तक इसका कार्य पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से पूछा कि इसका कार्य लंबित होने के कारण लोगों को हो रहीं परेशानी को दूर करने के लिए इस कार्य को तेज गति से पूरा करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इसके जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने इसमें देरी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि 30 सिंतबर 2018 तक इसका निर्माण कार्य पूरा किया जाना था, लेकिन वहां से अतिक्रमण हटाना, यूटिलिटी शिफ्टिंग, चेंज ऑफ टाइप फाउंडेशन और सुपर स्ट्रक्चर और रेलवे के कारण रेलवे पोर्शन में किए गए काफी बदलाव के अलावा कोविड-19 जैसे कारणों से देरी हुई है। उन्होंने लोकसभा सदस्य को बताया कि इस परियोजना में जो देरी हो रही है, उसके कारणों को दूर करने के लिए मंत्रालय के सचिव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के साथ बैठक करेंगे और प्रोसीजर का अध्ययन करेंगे।
दूसरे राज्यों के यात्रियों के लिए कोविड रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म हो : कोटक
भाजपा सांसद मनोज कोटक ने दूसरे राज्यों से महाराष्ट्र आने वाले यात्रियों को कोविड-19 की रिपोर्ट दिखाने की अनिवार्यता खत्म करने की मांग की है। उन्होने केन्द्र सरकार से कहा है कि इस संबंध में वह महाराष्ट्र सरकार को जरूरी निर्देश दे। मनोज कोटक ने यह मसला लोकसभा में नियम 377 के तहत उठाया। उन्होने कहा कि कोविड रिपोर्ट दिखाने का कोई नियम किसी और राज्य में नहीं है, तो फिर महाराष्ट्र में इस नियम को जरूरी क्यों बनाया गया है? उन्होने कहा कि इस तरह के नियम से महाराष्ट्र में आने वाले यात्रियों का समय तो बर्बाद होता ही है, साथ ही व्यापार में भी काफी प्रतिकूल असर पड़ता है। अब जबकि पूरे देश में धीरे धीरे नए कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है तब इस नियम को तुरंत हटाने का निर्देश महाराष्ट्र सरकार को दिया जाना चाहिए। इससे मुंबई और महाराष्ट्र आने वाले अन्य राज्यों के यात्रियों को राहत मिलेगी। बता दें कि राजस्थान, दिल्ली, गोवा और गुजरात के बाद अब केरल से महाराष्ट्र आने वाले लोगों को कोविड निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है।
देउर कोठार को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए : राजमणि पटेल
कांग्रेस सांसद राजमणि पटेल ने केन्द्र सरकार से रीवा स्थित बौद्धकालीन स्तूप देउर कोठार को राष्ट्रीय पुरातात्विक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है। उन्होने यह मांग शुक्रवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाई। राजमणि पटेल ने कहा कि देउर कोठार विंध्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण बौद्ध स्तूप है। यहां छोटे बड़े स्तूपों की संख्या 49 है। यहां पर 5 हजार वर्ष पूर्व के शैल चित्र एवं गुफाएं हैं। लगभग 2 हजार वर्ष पूर्व सम्राट अशोक द्वारा स्तूप बनवाए गए थे। सांसद पटेल ने सदन को बताया कि यहां बौद्ध भिक्षु आध्यात्मिक स्थल बनाकर शिक्षा दीक्षा एवं साधना करते थे। वहां पर ब्राह्मी लेख, अभिलेख, शिलापट्ट, स्तंभ और तोरण द्वार के अवशेष आज भी मौजूद हैं। उन्होने कहा कि यहां की शैल गुफाएं आज भी आकर्षण का केन्द्र हैं। यह सुरम्य घाटियों के बीच में है। इसे 1988 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के रूप में घोषित किया गया था। यहां हर वर्ष बौद्ध महोत्सव का मेला भी लगता है।
बजट सत्र के पहले चरण में हुआ 100 फीसद कामकाज
राज्यसभा में बजट सत्र का पहला चरण शुक्रवार को संपन्न हो गया। दो हफ्ते तक चले इस पहले चरण में सदन में लगभग 100 फीसद कामकाज हुआ। राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक इस हफ्ते राज्यसभा की उत्पादकता 114 फीसद रही तो पिछले हफ्ते 82 फीसद रही थी। बजट सत्र के पहले चरण में राज्यसभा कुल मिलाकर 45 घंटे 23 मिनट बैठी, जबकि इसके लिए 45 घंटे 34 मिनट का समय निर्धारित किया गया था। मतलब सिर्फ 11 मिनट का समय हंगामे की भेंट चढ़ा। महत्वपूर्ण पहलू यह कि पहले चरण में राज्यसभा में कुल 4 घंटा 24 मिनट हंगामे की भेंट चढ़ा तो सदस्य 4 घंटा 13 मिनट अतिरिक्त भी बैठे। सत्र के दौरान बहस और चर्चा में 26 घंटे 30 मिनट खर्च हुए, जो कुल निर्धारित समय का 58.4 प्रतिशत रहा। यह समय राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव और आम बजट 2021-2022 पर हुई चर्चा में खत्म हुआ। इन दोनों महत्वपूर्ण विषयों पर 98 सदस्यों ने अपने विचार रखे।
लोक महत्व के उठाए गए 88 मुद्दे
दो हफ्ते के दौरान सदन में लोक महत्व के कुल 88 मुद्दे उठाए गए, जिसमें 56 शून्य काल और 32 विशेष उल्लेख के तहत मामले शामिल हैं। प्रश्न काल के दौरान 55 तारांकित प्रश्नों के जवाब भी दिए गए। उच्च सदन में पहले चरण के दौरान जे एंड के रिऑर्गनेजाईजेशन (अमेंडमेंट) बिल, नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉज स्पेशल प्रोविजन्स (अमेंडमेंट) बिल, 2021 और द मेजर पोर्ट अथॉरिटी बिल 2020 जैसे तीन महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए गए।
Created On :   12 Feb 2021 8:55 PM IST