विचाराधीन बंदी ने बुढ़ार उपजेल में लगाई फांसी - दो कर्मचारी सस्पेंड, परिजनों ने लगाए प्रताडऩा के आरोप

Pending prisoner hanged in Budhar Upazel - two employees suspended, family members accused of harassment
विचाराधीन बंदी ने बुढ़ार उपजेल में लगाई फांसी - दो कर्मचारी सस्पेंड, परिजनों ने लगाए प्रताडऩा के आरोप
विचाराधीन बंदी ने बुढ़ार उपजेल में लगाई फांसी - दो कर्मचारी सस्पेंड, परिजनों ने लगाए प्रताडऩा के आरोप

 डिजिटल डेस्क शहडोल । बुढ़ार उपजेल में गुरुवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक विचाराधीन बंदी की लाश सीढ़ी की रेलिंग में फांसी पर झूलती पाई गई। गुरुवार की सुबह 9.45 बजे जेल कर्मचारियों ने ऊपरी मंजिल की सीढिय़ों की रेलिंग गमछे से साजिद की लाश झूलती देखी। प्रभारी जेलर श्याम सिंह कुशवाहा ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। एसडीएम सहित पुलिस के अधिकारी जेल पहुंचे। जहां बंदियों ने हंगामा करते हुए जेल प्रबंधन पर प्रताडऩा के आरोप लगाए। हत्या के प्रयास सहित अन्य अपराधिक मामलों के आरोपी सज्जू उर्फ साजिद खान 30 वर्ष निवासी धनपुरी को जेल के प्रथम तल में बैरक नंबर 3 में अन्य बंदियों के साथ रखा गया था। जहां से ऊपरी मंजिल तक बंदी के पहुंचने को लेकर लापरवाही सामने आने पर जेल के दो कर्मचारियों  तुणेन्द्र शेखर शुक्ला व गीतेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि मृतक साजिद खान के विरुद्ध बुढ़ार थाने में आईपीसी की धारा 279, 337, 325 सहित 307 व मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के तहत प्रकरण दर्ज है। उसने नेहरू कालेज के सामने चार पहिया वाहन से बाइक सवारों को कुचलने का प्रयास किया था। उसे 9 जून को उप जेल बुढ़ार लाया गया था।  
बंद दरवाजे से कैसे पहुंचा ऊपर
साजिद को बैरक नंबर तीन में रखा गया था, जो जेल भवन की दूसरी मंजिल पर है। जहां उसकी लाश मिली, वह ऊपरी मंजिल के सीढिय़ों की चौथी रेलिंग है। इस मामले में सवाल उठ रहे हैं कि दरवाजा बंद होने के बावजूद ऊपर कैसे पहुंचा? जब बैरक बंद था तो बाहर कैसे निकला? जिससे फांसी लगाई वह गमछा उसके पास कैसे आया? शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि उसी बैरक के एक बंदी की परिजनों से फोन पर मुलाकात के लिए ले जाते समय साजिद नजर बचाकर बाहर निकल गया होगा। मौके पर पहुंचे एफएसएल विशेषज्ञ डॉ. एसपी सिंह के अनुसार बाहर निकलने के बाद दीवार के सहारे रेलिंग-रेलिंग चढ़ते हुए चौथी रेलिंग पर पहुंचा होगा, क्योंकि उसके पैंट में दीवार के चूने के निशान हैं। जहां तक गमछे की बात है तो नहाते समय अपने पास रख लिया होगा। फिलहाल सारी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ पाएगा।
बंदियों व परिजनों ने किया हंगामा
विचाराधीन बंदी के फांसी लगा लिए जाने की सूचना मिलते ही एसडीएम सोहागपुर धर्मेन्द्र मिश्रा सहित जेल अधीक्षक जेएल नेटी, एसडीओपी भरत दुबे, तहसीलदार रतन सोनी, टीआई महेन्द्र सिंह चौहान व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेल के बाहर परिजन पहले से ही पहुंच चुके थे, जिन्होंने जेलर पर प्रताडऩा के आरोप लगाते हुए हंगामा किया। वहीं जेल के अंदर अन्य बंदियों ने भी प्रबंधन पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। बंदियों ने जेलर पर गाली, गलौज, मारपीट व प्रताडऩ़ा के आरोप लगाए। प्रभारी जेलर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रीवा से आए बंदियों द्वारा वापसी के लिए गलत बातें की जा रही हैं।
चौक में शव रखकर किया प्रदर्शन
बंदी की मौत के बाद शव का पोस्मार्टम बुढ़ार चिकित्सालय में कराया गया। बुढ़ार थाने में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। वहीं धनपुरी के आजाद चौक में परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर हंगामा शुुरु कर दिया। उनकी मांग थी कि प्रभारी जेलर के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। मौके पर प्रशासन के अधिकारी व पुलिस बल पहुंचा। जिन्होंने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। 
इनका कहना है
जेल में लापरवाही तो हुई है, यह न्यायिक जांच में सामने आ पाएगा।
धर्मेंद्र मिश्रा, एसडीएम
इनका कहना है
विचाराधीन बंदी ने गमछे से फांसी लगाई है। प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर दो कर्मचारियों को निलंबित किया है। पूरा मामले की जांच कराई जाएगी।
जीएल नेटी, जेल अधीक्षक शहडोल
 

Created On :   31 July 2020 6:10 PM IST

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