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कोल डस्ट से लोग हो रहे बीमार, खेतों में बिछी काली परत
डिजिटल डेस्क कटनी । बड़वारा क्षेत्र के बछरवारा ग्राम पंचायत में कोल डस्ट से घरों और खेतों में काली परत छा गई है। डस्ट के चलते फसल पर बुरा असर पड़ रहा है। सैकड़ों की संख्या मेंं ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कोल कंपनी की एनओसी निरस्त करने की मांग भी की है।
बनता है कोल डस्ट पावडर
जानकारी के मुताबिक बछरवारा ग्राम पंचायत के अंतर्गत बड़वारा खुर्द, चांदन, चिरुहली, किलकिलटोला एवं रूपौंध स्टेशन आता है। रूपौंध के पास में महावीर कोल रिसोर्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी का प्लांट संचालित है। कोल के डस्ट से ग्रामीणों के घरों, आंगनबाड़ी और स्कूल में काली परत छा गई है। ग्रामीणों का कहना है कि कोल कंपनी की डस्ट खेतों में भी जम गई है, जिसके चलते फसलों के उपर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कंपनी द्वारा कोयले से डस्ट (पावडर) तैयार किया जाता है। डस्ट को बछरवारा से अन्य स्थानों पर सप्लाई की जाती है। रूपौंध रेलवे स्टेशन से लोडिंग-अनलोडिंग को दौरान डस्ट पूरे गांव में फैल जाती है।
दमा के शिकार हो रहे ग्रामीण
गांव में बढ़ते प्रदूषण के चलते करीब 150 ग्रामीण दमा के शिकार हो गए है। कंपनी से मात्र 100 मीटर की दूरी पर माध्यमिक व्द्यिालय और आंगनबाड़ी केंद्र भी स्थित है। डस्ट के चलते बच्चों के कपड़े और मिड-डे-मील में भी अस डाल रहा है। ग्रामीण अशोक सिंह एवं राजेंद्र ंिसह ने बताया कि प्रदूषण के चलते कुओं और खेतों में काली परत सी छा गई है। एक माह पूर्व पीसीबी में शिकायत करने के बाद कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया। लेकिन कंपनी के प्रभाव के आगे अफसरों ने कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी की पर्यावरणीय स्वीकृति रद नहीं की गई तो कलेक्ट्रेट में घरना-प्रदर्शन देकर आंदोलन करेंगे।
इनका कहना है
लोडिंग-अनलोडिंग के कारण रूपौंध के आसपास डस्ट का प्रभाव पड़ रहा है। इस संबंध में डीआरएम (पमरे) को पत्र लिखा गया है। दो-तीन दिन के भीतर पीसीबी की टीम गांव जैाकर हालात का जायजा भी लेगी।
-हेमंत कुमार तिवारी क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी
Created On :   31 Jan 2018 1:38 PM IST