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स्टाम्प पेपर वेंडरों की कमी से परेशान हो रहे लोग, सरकार से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने स्टाम्प पेपर विक्रेताओं की कमी के मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में दावा किया गया है कि स्टाम्प पेपर बिक्रेताओं की कमी के चलते नागरिकों को सौ रुपए व 500 रुपए के गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर हासिल करने में कठिनाई हो रही है। याचिका के मुताबिक राज्य भर में कुल 3556 निजी स्टैंप पेपर विक्रेता हैं। लेकिन इसमे से सिर्फ 12 स्टाम्प पेपर विक्रेता ही मुंबई शहर में हैं। जबकि मुंबई में पूरे राज्य की 18 से 19 प्रतिशत आबादी रहती है। याचिका के मुताबिक साल 2000 में 250 स्टाम्प पेपर विक्रेता थे लेकिन तेलगी स्टाम्प पेपर घोटाले के बाद इनकी संख्या घटकर 12 पर पहुंच गई है। बाद में ई-स्टाम्प पेपर सुविधा की शुरुआत की गई थी लेकिन तकनीकी कारणों यह सुविधा बंद कर दी है।
मुंबई निवासी स्वप्निल कदम के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि स्टाम्प पेपर विक्रेताओं के कमी के चलते लोग कोरोना महामारी के बावजूद लंबी कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं। इससे उनकी जान को खतरा भी हो सकता है। आसानी से स्टाम्प पेपर उपलब्ध न होने के कारण इसकी कालाबाजरी भी हो रही है। मुख्या न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने कहा कि याचिका में स्टाम्प पेपर विक्रेताओं की कमी के गंभीर मुद्दे को उठाया गया है। जिसका परीक्षण किया जाना जरुरी है। इसलिए राज्य सरकार इस मामले में अपना हलफनामा दायर करे। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   18 Jan 2022 4:09 PM IST