भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ती चाहती है डीएचएफएल, कंपनी प्रमोटर हुए हैं गिरफ्तार 

Petition filed - DHFL wants to get rid of corruption charges, company promoters have been arrested
भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ती चाहती है डीएचएफएल, कंपनी प्रमोटर हुए हैं गिरफ्तार 
याचिका दायर भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्ती चाहती है डीएचएफएल, कंपनी प्रमोटर हुए हैं गिरफ्तार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वित्तीय कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को भ्रष्टाचार से जुड़े उस मामले से आरोपमुक्त करने की मांग की है जिसमें कंपनी के प्रमोटर कपिल व धीरज वधावन और यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की संलिप्तता सामने आयी है। डीएचएफएल ने निचली अदालत(सीबीआई कोर्ट) में भी इस तरह की मांग को लेकर आवेदन किया था लेकिन निचली अदालत ने डीएचएफल ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था। इसलिए डीएचएफएल ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में डीएचएफएल ने दावा किया है कि वह कार्पोरेट इनसॉलवेंसी रेजल्यूशन प्रोसेस से गुजर चुकी है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी इस मामले की सुनवाई हो चुकी है।  इनसालवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत भी कदम उठाए जा चुके हैं। पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को नई ईकाई (रेजल्यूशन अपलीकेंट) के रुप में नियुक्त किया गया है। इसलिए उसे अब सभी आपराधिक मामलों से मुक्त कर दिया जाए। न्यायमूर्ति एसके शिंदे ने फिलहाल इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। सीबीआई के वकील हितने वेणेगांवकर ने हाईकोर्ट में इस याचिका का विरोध किया है। 


बांबे हाईकोर्ट ने दिया गवाह को जौनपुर से लाने का निर्देश 

वहीं बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को वडाला मेंकथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत काशिकार हुए विजय सिंह मामले से जुड़े अंकित मिश्रा को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से लाकर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट में सिह के पिता की ओर से दायरयाचिका पर सुनवाई चल रही है। न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस को दो सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के दौरान मिश्रा को हाईकोर्ट में पेश करने को कहा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहेअधिवक्ता विनय नायर ने दावा किया कि मिश्रा इस मामले का प्रत्यक्षदर्शी गवाह व याचिकाकर्ता भी है। लेकिन पुलिस के डर के मारे सामने नहीं आ रहे हैं।  मिश्रा खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हालांकि सरकारी वकील ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि मिश्रा अपनी मर्जी से गांव गए हैं। मिश्रा ने पुलिस को इस बारे में जानकारी भी दी है। सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस के एक दल को उत्तर प्रदेश भेजा जाएगा। यदि वहां जाने के बाद मिश्रा पुलिस को मिला तो उसे यहां लाया जाएगा। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने पुलिस को दो सप्ताह का समय देते हुए मिश्रा को हाईकोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया और याचिका पर सुनवाई 8 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। खंडपीठ ने मामले को लेकर मजिस्ट्रेट की ओर से की गई जांच रिपोर्ट भी अधिवक्ता नायर को देने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2019 को वडाला इलाके में 26 वर्षीययुवक की वडाला टीटी पुलिस स्टेशन में पुलिस हिरासत मेंमौत का मामला सामने आया था। 
 

Created On :   24 Sept 2021 9:00 PM IST

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