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पेंच में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की योजना लटकी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पेंच व्याघ्र प्रकल्प में वर्ष 2018 में इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की तैयारी दिखाने के बावजूद अभी तक इस पर विचार नहीं किया गया है। इस दिशा में वन विभाग का रवैया उदासीन बना हुआ है। जिले का पेंच व्याघ्र प्रकल्प काफी दूरी में फैला हुआ है। यहां 50 से ज्यादा बाघों की संख्या है। अन्य वन्यजीवों का भी बड़ी संख्या में बसेरा है। हरियाली से सराबोर इस प्रकल्प में हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। पर्यटक यहां रहने के साथ ही जंगल की सैर करना पसंद करते हैं। कच्ची सड़कों से पेट्रोल गाड़ियों के माध्यम से पर्यटकों को जंगल की सैर कराई जाती है। जिसमें शोर होने से जहां वन्यजीव परेशान होते हैं, वहीं दूसरी ओर जंगल में प्रदूषण भी बढ़ता है। ऐसे में वर्ष 2018 में पेंच में इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की योजना वन विभाग ने बनाई थी, लेकिन अभी तक यह पूरी नहीं हो सकी है। यहां तक कि अधिकारी भी इस योजना से अनभिज्ञता जता रहे हैं।
पर्यटक और राजस्व में हुई है वृद्धि
आंकड़ों की बात करें, तो पेंच में वर्ष 2015 में 73665 पर्यटक से 82 लाख 81 हजार 431 रुपए का राजस्व वन विभाग को मिला है। वहीं 2016 में इसका आंकड़ा बढ़ते हुए पर्यटकों की संख्या 92156 पहुंची, जिससे प्रशासन को 1 करोड़ 13 लाख 13 हजार 762 का राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017 में इनकी संख्या कम रही, लेकिन राजस्व 2 करोड़ 40 लाख 50 हजार को पार कर गया। वर्ष 2018 में 2 करोड़ 92 लाख को पार कर गई। वर्ष 2019 में भी लगभग इतना ही राजस्व वन विभाग को मिला है। वर्ष 2020 से अब तक कोरोना के कारण इसमें जरूर कमी आई है, लेकिन पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना जताई गई है। वन विभाग द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की तैयारी एक सराहनीय प्रयास था, लेकिन वर्तमान में इसे लेकर कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही है।
Created On :   17 Jan 2022 3:24 PM IST