ट्रेनों की भरमार, लेकिन जनरल टिकट न मिलने से यात्री लाचार 

Plenty of trains, but passengers are helpless due to not getting general tickets
ट्रेनों की भरमार, लेकिन जनरल टिकट न मिलने से यात्री लाचार 
ट्रेनों की भरमार, लेकिन जनरल टिकट न मिलने से यात्री लाचार 

कोरोनाकाल से गुजरते हुए यात्रियों ने कहा- हालात सामान्य होने पर अप-डाउनर्स की भी चिंता करे रेलवे
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोनाकाल के कई दौर गुजरने के बाद ट्रेनों की व्यवस्था पटरी पर लौट चुकी है। इसी के साथ जबलपुर रेल मंडल से चलने वाली 100 प्रतिशत ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है और गाडिय़ों में अब बड़ी संख्या में यात्री बेखौफ यात्रा करने लगे हैं, लेकिन सब कुछ सामान्य होने के बाद भी जनरल टिकट की बिक्री शुरू नहीं होने से यात्रियों में नाराजगी है। वहीं दूसरी ओर कोरोनाकाल के दस महीने बीत जाने के बाद भी यात्रियों को ट्रेनों में न तो पेंट्रीकार की भोजन सुविधा का लाभ मिल पा रहा है और न ही स्टेशन पर अच्छी खाने-पीने की सामग्री मिल रही है। एसी कोच में लिनन नहीं मिलने के कारण यात्रियों को सर्दियों के मौसम में मोटे-मोटे कंबल और गर्म कपड़े भी ढोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
समय की जरूरत के अनुसार सेनिटाइज कर लिनन मिलने चाहिए 
 सभी ट्रेनों में रिजर्वेशन का नियम लागू होने के बाद भी यात्रियों को सर्द मौसम में कंबल-रजाई, चादर, तकियों का बोझ ढोना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि सामान्य हालात हो जाने के बाद अब रेलवे को साफ-सफाई और सेनिटाइज करने के बाद एसी कोच में लिनन उपलब्ध करा देने चाहिए। रेलवे द्वारा स:शुल्क डिस्पोजेबल लिनन यात्रियों को पसंद नहीं आ रहे हैं।
जनरल टिकट विंडो खोलने आदेश जारी हुए, फिर रोल-बैक हुआ 
 रेलवे बोर्ड ने गत वर्ष दिसम्बर में जनरल टिकट विंडो खोलने के आदेश जारी किए थे, लेकिन एक सप्ताह बाद आदेश को वापस ले लिया गया। बाद में कहा गया कि सर्दी का मौसम बीत जाने के बाद जनरल टिकट की बिक्री शुरू की जाएगी।
जब सभी गाडिय़ाँ चल रहीं हैं तो जनरल टिकट विंडो खोले जाएँ 
  जून से लेकर जनवरी तक एक के बाद एक सभी गाडिय़ाँ शुरू हो चुकी हैं, लेकिन सभी आरक्षित हैं। जरूरत पडऩे पर रिजर्वेशन नहीं मिलने से परेशान यात्रियों का कहना है कि रेलवे को अब जनरल टिकट की बिक्री शुरू कर देना चाहिए, इससे अप-डाउनर्स को काफी हद तक राहत मिलेगी। यह अलग बात है कि यात्रियों की भीड़ उमडऩे पर रेल प्रशासन एक्स्ट्रा कोच लगा रहा है।
खाद्य सामग्री को लेकर संशय बरकरार, वेंडर्स पर भरोसा नहीं 
  यात्रियों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि ट्रेन में सफर के दौरान उन्हें भरोसा करने लायक खाद्य सामग्री या भोजन नहीं मिल रहा है। कहने को तो स्टेशन कैटरर्स पैक्ड फूड की सप्लाई ट्रेनों में कर रहे हैं, लेकिन यात्रियों को भोजन नहीं भा रहा। इसी तरह स्टेशन पर वेंडर्स द्वारा बेची जा रही खाद्य सामग्री को खरीदने में यात्री परहेज कर रहे हैं। खाने की ऑनलाइन बुकिंग भी कमजोर है।
 

Created On :   25 Jan 2021 4:00 PM IST

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