26 वर्ष पहले खरीदे प्लाट, नहीं मिली रजिस्ट्री

Plot purchased 26 years ago, registry not found
26 वर्ष पहले खरीदे प्लाट, नहीं मिली रजिस्ट्री
राज्यपाल-मंत्री से शिकायत 26 वर्ष पहले खरीदे प्लाट, नहीं मिली रजिस्ट्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर. वर्ष 1995 में ले-आउट योजना लाकर अब तक अपने आश्वासन पूरे न करने वाले म्हाडा की कार्यशैली से 31 प्लॉट धारक तनाव में हैं। अपने सपनों के घर की उम्मीद में जीवन की जमा पूंजी लगाने के बाद भी प्लॉटधारक यहां-वहां भटक रहे हैं। दरअसल यह मामला सर्वे क्रमांक 1 (पुराना), नया 117/2, खसरा क्रमांक 117, वाड़ी का है। 

म्हाडा ने वर्ष 1995 में वाड़ी क्षेत्र में भू-खंड बिक्री के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मंगवाए गए थे। आवेदकों ने इसमें अपने जीवन की कमाई लगा कर प्लॉट बुक किए, लेकिन बीते 26 वर्ष में म्हाडा ने भू-खंड की रजिस्ट्री नहीं करवा कर दी है। इतने वर्षों में भी ये भू-खंड विकसित नहीं किए हैं। आश्चर्यजनक रूप से बीते 26 वर्ष में न तो भू-खंडों का सीमांकन किया गया है और न ही कोई सूचना फलक या फेंसिंग लगाई गई है। इन भू-खंडों का भूमि अभिलेख में उल्लेख भी नहीं है। 

भू-खंडों पर होने लगा है अतिक्रमण : प्लॉटधारक के. जी. मिसर ने भू-खंड विकास के लिए कई स्तरों पर आवेदन दिए, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब इनमें से कुछ भू-खंडों पर अतिक्रमण भी होने लगा है। ऐसे में के. जी. मिसर, एम. टी. आसरे समेत अन्य प्लॉटधारकों ने मामले की शिकायत राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, मंत्री जितेंद्र आह्वाड, नागपुर के पालकमंत्री नितीन राऊत और म्हाडा सीईओ से शिकायत कर समाधान करने की मांग की है। 
 

Created On :   23 May 2022 4:44 PM IST

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