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अकेले रहने वाले बुजुर्गों के घर पहुंचकर उनका हालचाल पूछ रहे पुलिस अधिकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अकेले रहने वाले बुजुर्गों की हिफाजत के लिए मुंबई पुलिस ने नई कवायद शुरू की है। अब पुलिस अधिकारी नियमित रुप से इन बुजुर्गों के घर जाते हैं। थोड़ी देर उनसे बातचीत करते हैं साथ ही उन्हें यह बताते है कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान कैसे रख सकते हैं। खास तौर पर पुलिस 75 साल या उससे ज्यादा आयु के वरिष्ठ नागरिकों का नियमित हालचाल लेने पहुंच रही है। पुलिस अधिकारी इन बुजुर्गों के आसपास रहने वाले लोगों और उनके लिए काम करने वाले नौकरों आदि से भी बातचीत कर उनका रिकॉर्ड रखते हैं जिससे लोगों को भी यह जानकारी हो कि पुलिस बुजुर्गों का खयाल रख रही है और उनके बारे में भी पुलिस जानती है। दरअसल अपराध के ज्यादातर मामलों में ऐसे लोग शामिल होते हैं जो बुजुर्गों के घरों में काम करते हैं या उनके आसपास रहते हैं। इसलिए पुलिस बुजुर्गों के साथ उनके संपर्क में रहने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी रख रही है। बता दें कि देश के आर्थिक राजधानी मुंबई बुजुर्गों के लिए सबसे असुरक्षित शहर है। यहां बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग रहते हैं तो या तो बिल्कुल अकेले होते हैं या केवल पति-पत्नी एक दूसरे की देखभाल करते हैं। ऐसे बुजुर्गों को निशाना बनाना अपराधियों के लिए आसान होता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में साल 2018 से 2020 के बीच 3118 बुजुर्ग अपराधों का शिकार हुए। मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद बुजुर्गों के लिए सबसे असुरक्षित शहर हैं और बुजुर्गों के खिलाफ देशभर में होने वाले अपराध के ज्यादातर मामले इन्ही तीन शहरों में दर्ज किए जाते हैं।
पुलिस को रखनी पड़ती है जानकारी
राज्य के पूर्व गृहमंत्री स्वर्गीय आरआर पाटील के कार्यकाल के दौरान सभी पुलिस स्टेशनों के इलाके में रहने वाले बुजुर्गों की जानकारी डायरी में दर्ज करने का नियम बनाया गया था लेकिन इस पर उस तरह से अमल नहीं हो पा रहा था। अब नए सिरे से पुलिस ने पहल की है और करने इलाके में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की जानकारी पुलिस गस्त लगाने वाले बीट मार्शलों के जरिए इकठ्ठा की जा रही है। बीट मार्शल रहिवासी सोसायटियों के सेक्रेटरी के परिवार के साथ या अकेले रहने वाले बुजुर्गों की जानकारी जुटाते हैं। डायरी में सबके नाम पते दर्ज होते हैं। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दर्जे तक के अधिकारी इन बुजुर्गों के घर जाते हैं और उन्हें यह बताते हैं कि वे अपराध से कैसे बच सकते हैं। साथ ही अगर कोई वारदात हो तो उसके बाद क्या करें। पुलिसवाले कई बाद बुजुर्गों का जन्मदिन मनाने भी केक लेकर पहुंच जाते हैं जिससे उन्हें अकेलेपन का एहसास न हो।
ऐसे सावधानी बरतें बुजुर्ग
पुलिस के मुताबिक बुजुर्गों को चाहिए कि वे अपने घर में काम करने वाले और आने जाने वालों की आधार कार्ड समेत दूसरी संभव जानकारी ले लें। साथ ही उनके परिवार के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर भी मांग ले। नौकरों के दोस्तों के घर में आने जाने पर पाबंदी लगाएं।
Created On :   25 April 2022 3:42 PM IST