रेलवे स्टेशनों में पुलिसकर्मियों के फोन पर व्यस्त, हाईकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

Policemen Busy on phone in railway stations, HC expresses displeasure
रेलवे स्टेशनों में पुलिसकर्मियों के फोन पर व्यस्त, हाईकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी
रेलवे स्टेशनों में पुलिसकर्मियों के फोन पर व्यस्त, हाईकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने ड्यूटी के दौरान रेलवे स्टेशनों में पुलिस वाले के मोबाइल में व्यस्त रहने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस भी रेलवे स्टेशन के कोने में देखो पुलिसवाले वहां पर मोबाइल फोन में व्यस्त नजर आते है। ड्यूटी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल ड्यूटी में लापरवाही के दायरे में आता है। क्योंकि मोबाइल में व्यस्त रहने के कारण पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी को लेकर सजग नहीं रहते है। इसलिए रेलवे स्टेशनों में मोबाइल से चिपके रहनेवाले पुलिसवालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में विचार किया जाए। यदि पुलिसवालों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल से मुक्त कर दिया जाए तो बड़ी सेवा होगी। 

न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने लोकल ट्रेनों में यात्रा करनेवाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बाते कही। हेल्प मुंबई फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संस्था ने इस विषय पर जनहित याचिका दायर की है। याचिका में रेलवे प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जरुरी कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुरेश कुमार ने कहा कि लोकल ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए गए है। जिसके तहत रात के समय महिलाओं के डिब्बों में पुलिसवालों को तैनात किया जाता है। महिलाओं के डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है।

रेलवे स्टेशनों में अतिरिक्त पुलिसबल तैनात किए गए है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि खाली रात के समय ही नहीं दिन में भी महिलाओं के डिब्बे में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए। क्योंकि अपराध का कोई समय नहीं होता है। महिलाओं के साथ पुरुषों व बच्चों की सुरक्षा का भी इंतजाम किया जाए। रेलवे प्लेट फार्म व रेलवे पटरियों के पास भी अपराध हो रहे है। लेकिन प्लेटफार्म में पुलिसकर्मी फोन में ही व्यस्त रहते है। प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए और पुलिस को मोबाइल से मुक्त करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। यदि पुलिसकर्मी को ड्यूटी के दौरान फोन से दूर कर दिया जाए तो यह बड़ी सेवा  होगी।  रेलवे खंडपीठ ने फिलहाल रेलवे को पूरे मामले को लेकर दो सप्ताह के भीतर व्यापक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 

 

Created On :   15 Nov 2019 7:48 PM IST

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