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भूमि सुपोषण अभियान को लेकर असंतोष, कोर कमेटी की बैठक में होंगे नीतिगत निर्णय
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक का शनिवार काे समापन हुआ। दो दिन तक विविध विषयों पर गहन मंथन हुआ। इस दौरान संघ से जुड़े संगठनों ने अपने कार्यों का लेखा-जोखा रखा। चर्चा में यह बात प्रमुखता से सामने आई कि कोरोना संकट में स्वयंसेवकों के सेवाकार्य में लिप्त रहने से अन्य संगठनात्मक कार्य नहीं हो पाए। उन लंबित कार्यों को गति देने का आह्वान किया गया है। संघ ने पिछले कुछ समय से देश भर में भूमि सुपोषण अभियान चलाया है। उस अभियान को पर्याप्त प्रतिसाद नहीं मिलने को लेकर प्रमुख संघ पदाधिकारियों ने असंतोष जताया है। विविध प्रांत प्रमुखों के माध्यम से इन अभियानों को पहली प्राथमिकता के साथ पूरा करने को कहा गया है। उधर विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ जैसे संगठनों के विषयों पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। हालांकि इन चर्चाओं के बारे में अब भी संघ की ओर से आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
खबर है कि संगठनों के कार्यों को गति देने के लिए जल्द ही संघ की कोर समिति की बैठक होनेवाली है। संघ व उससे जुड़े 36 संगठनों में समन्वय के लिए शुक्रवार को दो दिवसीय अखिल भारतीय सभा का आयोजन किया गया। इस सभा को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी व अन्य पदाधिकारियों ने बैठक को संबोधित किया। संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पहले ही स्पष्ट किया कि यह बैठक सामान्य बैठक है। लेकिन जानकारों का दावा था कि इसमें राजनीतिक विषयों पर चर्चा होगी। विशेषकर पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर संघ व भाजपा के कार्यकर्ताओं को संदेश मिलेगा। विहिप मंदिर खोलने की मांग कर रहा। भारतीय मजदूर संघ निजीकरण के मामले को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में आंदोलन की तैयारी कर रहा है। भारतीय किसान संघ ने कृषि उपज को समर्थन मूल्य देने की मांग के साथ केंद्र सरकार का विरोध किया है। लिहाजा माना जा रहा है कि इन सभी विषयाें पर संघ के प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति में सभी विषयों पर चर्चा की गई। संघ ने ग्रामीण व्यवस्था सुधार के अलावा प्राकृतिक खेती पर जोर दिया है। इसके लिए भूमि सुपोषण अभियान देश भर में चलाया गया, लेकिन 7 राज्यों को छोड़ शेष में इस अभियान को प्रतिसाद नहीं मिल पाया। संघ अपने विस्तार के लिए सभी संकल्पित अभियानों को तेजी से पूरा करना चाहता है।
शताब्दी वर्ष महोत्सव की तैयारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष 2025 में पूरा करेगा। लिहाजा 2024-25 को शताब्दी वर्ष महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव के तहत देश विदेश में संघ की ओर से विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इन कार्यक्रमों में युवाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इन कार्यक्रमों के नियोजन के विषय पर भी चर्चा हुई। सभी संगठनों से कहा गया है कि वे अपने अपने स्तर पर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करें। हिंदू संस्कृति को भारतीय संस्कृति के तौर पर देश-विदेश में प्रचारित व स्थापित करने की दिशा में कार्य करें। शताब्दी वर्ष महोत्सव के आयोजनों के लिए और भी बैठकें होंगी।
Created On :   5 Sept 2021 3:16 PM IST