ओबीसी आरक्षण पर गर्माई राजनीति, पाटील की भुजबल को सलाह - फडणवीस से कर लें बहस

Politics heats up on OBC reservation, BJP and Congress performed
ओबीसी आरक्षण पर गर्माई राजनीति, पाटील की भुजबल को सलाह - फडणवीस से कर लें बहस
ओबीसी आरक्षण पर गर्माई राजनीति, पाटील की भुजबल को सलाह - फडणवीस से कर लें बहस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने मुंबई में राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति छगन भुजबल को ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से कोल्हापुर के बिंदू चौक में सार्वजनिक मंच पर चर्चा करने की खुली चुनौती दी है। शनिवार को प्रदेश भाजपा की ओर से मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, औरंगाबाद सहित राज्य कई जिलों में ओबीसी आरक्षण बहाली की मांग को लेकर रास्ता रोको आंदोलन किया गया। कोल्हापुर में पाटील ने कहा कि मेरी भुजबल को खुली चुनौती है कि वे फडणवीस के साथ खुले मंच पर चर्चा के लिए आएं। जिससे पता चल जाएगा कि ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को लेकर कौन किसको फंसा रहा है। पाटील ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा ओबीसी का इम्पिरिकल डाटा न जुटा पाने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को रद्द कर दिया है। पाटील ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग नेपांच जिला परिषद और 33 पंचायत समितियों के 19 जुलाई को होने वाले उपचुनाव को रद्द करने की राज्य मंत्रिमंडल की मांग को कचरे की टोकरी में फेंक दिया है। अब राज्य सरकार को जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए। क्योंकि 29 जून से उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद उपचुनाव को रोका नहीं जा सकता है। 

बावनकुले ने कहा था अध्यादेश पर मत करों हस्ताक्षरः भुजबल

प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के स्थानीय निकायों के राजनीतिक आरक्षण को लेकर प्रदेश भाजपा महासचिव तथा तत्कालीन ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भुजबल ने कहा कि बावनकुले ने मुझ से मुलाकात कर ओबीसी आरक्षण के लिए पूर्व की फडणवीस सरकार के 31 जुलाई 2019 के अध्यादेश को कायम रखने के लिए हस्ताक्षर नहीं करने के लिए कहा था।बावनकुले का कहना था कि अध्यादेश दोबारा जारी होने से पांच जिलों में ओबीसी का अतिरिक्त आरक्षण कम हो जाएगा। भुजबल ने कहा कि बावनकुले की मांग भी जायज थी। क्योंकि अध्यादेश में कहा गया था कि ओबीसी की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा। शनिवार को पुणे के लोनावला में विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित दो दिवसीय ओबीसी-वीजेएनटी चिंतन मंथन शिविर की शुरुआत हुई। इसमें प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य और ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष प्राचार्य बबनरावतायवाडे सहित विभिन्न संगठनों के ओबीसी नेता शामिल हुए।भुजबल ने कहा कि मुझे वकीलों ने भी फडणवीस सरकार के अध्यादेश को दोबारा जारी न करने की सलाह दी थी क्योंकि इसमें कुछ खामियां थी। भुजबल ने कहा कि यदि भाजपा सरकार का अध्यादेश सही था तो तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 1 अगस्त 2019 को नीति आयोग को पत्र लिखकर ओबीसी का डाटा क्यों मांगा था? भुजबल ने कहा कि फडणवीस के पत्र के बावजूद नीति आयोग ने ओबीसी का डाटा राज्य सरकार को नहीं दिया। भुजबल ने कहा कि विपक्ष मुझे पर आरोप लगा रहा है कि मंत्री होने के बावजूद ओबीसी आंदोलन में शामिल हो रहा हूं लेकिन जब तक सरकार को लगेगा नहीं कि ओबीसी आरक्षण की जरूरत है तब तक सरकार हिलेगी क्या?मैं सरकार में केवल अकेले नहीं हूं। सरकार के पास संदेश जाना चाहिए कि आरक्षण के लिए ओबीसी समाज एकजुट है। 

इस उम्र में भी झूठ बोल रहे हैं भुजबलः बावनकुले

भुजबल के बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि भुजबल को इस उम्र में भी झूठ बोलना पड़ रहा है। बावनकुले ने कहा कि मैंने भुजबल से मिलकर ओबीसी आरक्षण कायम रखने के लिए फडणवीस सरकार के अध्यादेश को दोबारा जारी करने की मांग की थी। मुझे भुजबल से इस उम्र में झूठ बोलने की अपेक्षा नहीं थी। 
ओबीसी आरक्षण के लिए पक्ष-विपक्ष का आंदोलन 

कांग्रेस ने मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द होने के बाद शनिवार को भाजपा व कांग्रेस की तरफ से राज्यभर में प्रदर्शन किया गया। भाजपा नेताओं ने जहां सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त होने के लिए राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को जिम्मेदारी बताया वहीं कांग्रेस ने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस दौरान जगह-जगह भाजपा के कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी। कोरोना संकट के बावजूद भाजपा ने शक्ति प्रदर्शन में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण खत्म किए जाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।मुंबई में कांग्रेस के आंदोलन का नेतृत्व करते हुए पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे ने कहा कि भाजपा का आंदोलन ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाला है। केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट को आकड़े नही दिए गए। जिसकी वजह से सर्वोच्च अदालत में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त हो गया। नांदेड में पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हा, पुणे में पूर्व मंत्री रमेश बागवे, सांगली में शहराध्यक्ष पृथ्वीराज पाटील ने आंदोलन का नेतृत्व किया।  

नागपुर में राजनीति गर्म

ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर शनिवार को शहर में राजनीति गर्म रही। भाजपा ने राज्य सरकार के विरोध में मोर्चा खोला। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम आंदोलन कर गिरफ्तारी दी, वहीं कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्र स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए। भाजपा की ओर से कहा गया कि कांग्रेस व महाविकास आघाड़ी ने राज्य में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण कायम रखने में रुचि नहीं दिखाई, जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाए कि भाजपा व केंद्र सरकार जानबूझकर ओबीसी नेतृत्व को राजनीति से दूर करते हुए ओबीसी समाज से अन्याय कर रही हैं। भाजपा ने वेरायटी चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदर्शन किया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले, राज्यसभा सदस्य डॉ. विकास महात्मे, शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके, विधायक कृष्णा खोपड़े, गिरीश व्यास, विकास कुंभारे, महापौर दयाशंकर तिवारी, अविनाश ठाकरे, सुधाकर देशमुख, मिलिंद माने, अशोक मेंढे, धर्मपाल मेश्राम, अर्चना डेहनकर, नंदा जिचकार, कामिल अंसारी, नाना उमाठे, भोजराज डुंबे, बाल्या बोरकर, रमेश चोपडे, भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश महासचिव संजय पांडे व अन्य पदाधिकारी प्रमुखता से प्रदर्शन में शामिल हुए थे। अन्य पदाधिकारियों में अश्विनी जिचकार, मुन्ना यादव, दिव्य धुरडे, परिणति फुके, घनश्याम चौधरी, सुधाकर बैतूले, संजय चौधरी, संजय अवचट, प्रमोद पेंडके, राम आंबुलकर सुनील मित्रा, किशाेर वानखेडे, विनोद कन्हेरे, किशाेर पलांदुरकर, नीता ठाकरे, राजेश हाथीबेड शामिल थे।शहर कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष विकास ठाकरे के मार्गदर्शन में विधानसभा क्षेत्र स्तर पर प्रदर्शन किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विरोध में नारे लगाए। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कहा कि ओबीसी आरक्षण रद्द होने में तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस जिम्मेदार हैं। वे सही फालोअप नहीं कर पाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार जानबूझकर ओबीसी नेतृत्व को राजनीति से दूर कर रही है। ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। 

कृति समिति ने दिया धरना

पदोन्नति में आरक्षण व अन्य 13 मांगों के साथ आरक्षण हक कृति समिति ने विद्यापीठ अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोरात की अध्यक्षता में संविधान चौक पर धरना दिया। बंजारा समाज की पारंपरिक वेशभूषा में महिला कार्यकर्ताओं ने सरकार का निषेध किया। आंदोलन के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, विमुक्त के अनेक संगठन, रिपब्लिकन के विविध गट आए थे। सुखदेव थोरात ने कहा कि राज्य सरकार ने इम्पेरिकल डाटा नहीं दिया। पहले की सरकार ने यह काम नहीं किया। महाविकास आघाड़ी ने भी उच्चतम न्यायालय में योग्य पक्ष नहीं रखा। पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में भी अन्याय किया गया। प्रदर्शन में आदिवासी नेता मधुकर उईके, अशोक सरस्वती,  प्रदीप आगलावे, नरेंद्र जारोंडे, उपेंद्र शेंडे, प्रकाश गजभिये, सोनिया गजभिये, छाया खोब्रागड़े आदि शामिल हुए। बाद में जिलाधिकारी को निवेदन सौंपा गया। 

रास्ता रोककर जेल भरो आंदोलन

हिंगना में विधायक समीर मेघे के नेतृत्व में भाजपा नेता व कार्यकर्ताओ ने पंचवटी पार्क हिंगना के मेन रोड पर राज्य सरकार के खिलाफ रास्ता रोको और जेल भरो आंदोलन किया और नारेबाजी की। इस दौरान विधायक मेघे ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही से ओबीसी समाज पर अन्याय हुआ है। ओबीसी समाज को न्याय दिलाने के लिए आगे बढ़ते रहेंगे। आंदोलन के कारण कुछ समय के लिए यातायात अवरुद्ध हो गया था। पुलिस ने विधायक मेघे सहित आंदोलनकारियों को हिरासत में लेकर बाद में जमानत पर छोड़ दिया। आंदोलन में धनराज आष्टनकर, बबलू गौतम, अंबादास उके, संध्या गोतमारे, आर्दश पटले, अंजलि कानफाडे, सतीश शहाकार आदि शामिल हुए।

ओबीसी आयोग बनाने की मांग

हिंगना में राजश्री छत्रपति शाहू महाराज जयंती के अवसर पर हिंगना के शिवाजी चौक पर कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए  ओबीसी आयोग बनाने की मांग की। इस दौरान तहसील कार्यालय के सामने पुलिस विभाग को बाबा आष्टनकर के नेतृत्व में निवेदन सौंपा गया। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अशोक पुनवटकर, विनोद उमरेडकर, संजय दलाल, शालिनी मनोहरे, नरेंद्र गुंजरकर आदि आंदोलन में शामिल थे।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी

वाडी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के आदेश पर शनिवार को दोपहर 12 बजे कटोल बाईपास चौक पर युवक कांग्रेस ने केंद्र सरकार के विरोध में आंदोलन कर नारेबाजी की। इसका नेतृत्व हिंगना विधानसभा अध्यक्ष अश्विन बैस ने किया। इस दौरान मांग की गई कि ओबीसी समुदाय को आरक्षण दो या केंद्र के सत्ता से पद छोड़ो। बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं। महंगाई पर नियंत्रण लाया जाए। आंदोलन में  प्रकाश कोकाटे, भीमराव लोखंडे, भीमराव कांबले, योगेश कुमकुमवार, विनोद लंगोटे, किशोर नागपुरकर, महिला नेता कुंद राऊत, रोहन नागपुरकर, अमोल केदार, अविनाश बरंगे आदि शामिल हुए।

 

Created On :   27 Jun 2021 5:39 PM IST

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