36 करोड़ की घटिया धान खरीदी, मचा हड़कंप, समितियों पर होगा मामला दर्ज

Poor paddy purchase of 36 crores, chaos created, case will be registered on committees
36 करोड़ की घटिया धान खरीदी, मचा हड़कंप, समितियों पर होगा मामला दर्ज
36 करोड़ की घटिया धान खरीदी, मचा हड़कंप, समितियों पर होगा मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क जबलपुर । धान खरीदी में किस तरह का घालमेल चल रहा है यह बात तब सामने आई जब अधिकारी खरीदी गई धान की जाँच कर रहे थे।  किसानों और व्यापारियों की मिलीभगत से लगभग 36 करोड़ की खराब धान की भी तुलाई समितियों द्वारा कर ली गई। खरीदी गई धान जब गोदामों में जमा कराई जा रही थी उसी समय यह पकड़ में आ गई, मामले को लेकर हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने तत्काल एक्शन लेते हुए धान को रिजेक्ट की श्रेणी में डाला अब इस धान का भुगतान भी नहीं हो पायेगा। इस मामले में व्यापारियों, किसानों और समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। जिले में कहीं भी खराब और अमानक स्तर की धान की खरीदी न हो ऐसे निर्देश अधिकारियों ने िदये थे। स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि अगर कहीं भी घटिया क्वॉलिटी की धान उपार्जन की गई तो अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी। यही वजह है  कि अधिकारी भी सतर्क हैं। धान खरीदी के दौरान नजर रखी जा रही थी इसके बाद भी कई क्षेत्रों में घटिया धान की खरीदी कर ली गई। सबसे ज्यादा खराब क्वॉलिटी की धान की तुलाई मझौली में कराई गई है, इसके अलावा सिहोरा, पनागर और पाटन में भी नॉन एफएक्यू धान खरीद ली गई। यह धान गोदामों तक भी पहुुँच गई थी, लेकिन ऑनलाइन पर्ची से जब धान जमा की जा रही थी उसी दौरान यह रिजेक्ट धान भी पकड़ में आ गई। जब जाँच हुई तो पता चला कि लगभग 20 हजार मीट्रिक टन खराब धान की तुलाई समिति वालों ने करा दी है। यह धान ऐसी है जिसे कोई 5 सौ रुपये क्विंटल में भी न खरीदे, लेकिन इसे 1815 रुपये क्विंटल में मिलीभगत से खपा दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि रिजेक्ट धान की कीमत लगभग 36 करोड़ 30 लाख रुपये बताई जा रही है।
गोदाम फुल -ओपन कैप में रखा जा रहा माल
धान की खरीदी इतनी ज्यादा हो गई है कि गोदामों में जगह नहीं बची है। धान की खरीदी अभी भी चल रही है। धान का भंडारण करने के लिये ओपन कैप भी बने हैं, लेकिन वहाँ भी जगह नहीं बची है। फिलहाल में जो धान आ रही है उसे बीजापुरी ओपन कैप में रखा जा रहा है। वर्तमान में 40 सेंटर ऐसे हैं जहाँ खरीदी पूरी हो गई है और इन्हें बंद कर दिया गया है, जबकि 22 सेंटरों में तुलाई चल रही है। 
इनका कहना है
 समितियों द्वारा 36 करोड़ से ज्यादा की खराब धान खरीदी गई है, जिसका भुगतान नहीं होगा। इसमें व्यापारी और किसान शामिल हैं। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जायेगी और नियमानुसार आगे की कार्रवाई होगी। 
-विवेक तिवारी, डीएमओ विपणन
 

Created On :   20 Jan 2020 8:49 AM GMT

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