रेवेन्यू स्टाम्प से मिलने वाले कमीशन को तरस रहा डाक विभाग

Postal department yearning for commission from revenue stamp
रेवेन्यू स्टाम्प से मिलने वाले कमीशन को तरस रहा डाक विभाग
नागपुर रेवेन्यू स्टाम्प से मिलने वाले कमीशन को तरस रहा डाक विभाग

डिजिटल डेस्क, नागपुर. बड़े आर्थिक लेन-देन में विश्वसनीयता और जनहित को देखते हुए  राज्य सरकार रेवेन्यू स्टाम्प (टिकट) की बिक्री डाक विभाग के जरिए करती है। 5 हजार रुपए से अधिक के आर्थिक लेन-देन पर इस टिकट का इस्तेमाल किया जाता है अन्यथा सरकार भी ऐसे व्यवहार को मान्य नहीं करती है। हजारों-करोड़ों रुपए में होने वाले आर्थिक लेन-देन में यह टिकट डाक विभाग से  नाममात्र एक रुपए में बिकती है।  डाक विभाग को एक रुपए पर मिलने वाले 3 प्रतिशत कमीशन के लिए भी सालों से इंतजार करना पड़ता है। करीब 20 साल से ज्यादा का समय हो गया है। यानी 2003 से डाक विभाग को राज्य सरकार से रेवेन्यू स्टॉम्प की बिक्री पर कमीशन नहीं मिला है। वर्षों से इस कमीशन की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार ने कभी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया।  हाल में सरकार की नींद खुली है। राज्य सरकार ने 2003 से 2009 तक का कमीशन डाक विभागों को जारी किया है। राज्य के संपूर्ण डाक विभागों को 6 साल की अवधि के लिए 44 लाख 51 हजार 741 रुपए का कमीशन जारी करने का निर्णय लिया है। इसमें नागपुर विभाग के हिस्से में 3.14

लाख रुपए का कमीशन आया है। 

2009 से अब तक का कमीशन कब मिलेगा  नाममात्र राशि के लिए वर्षों का इंतजार अब डाक विभागों को अखर रहा है। उनका कहना है कि, सरकार ने 2003 से 2009 तक का कमीशन तो जारी कर दिया, लेकिन 2009 से अब तक का  कमीशन कब तक जारी होगा, इसका कोई खुलासा नहीं किया गया है। 2009 से अब तक की राशि भी लाखों में होने की जानकारी है। 

सरकार की मुनाफाखोरी में विभागों को घाटा

गौरतलब है कि, स्टॉम्प पेपर सहित  रेवेन्यू स्टाम्प िबक्री सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा जरिया है। सरकार को सर्वाधिक राजस्व स्टाम्प पेपर और रेवेन्यू स्टाम्प के जरिए ही मिलता है। लाखों-करोड़ों के लेन-देन में सरकार को भारी मुनाफा होता है, लेकिन सरकार की मुनाफाखोरी में विभागों को घाटा सहन करना पड़ रहा है। विभागों को सालों तक कमीशन दिया नहीं जाता है। 

इन विभागों को मिली राशि 

नागपुर विभाग- 3.14 लाख 
अमरावती विभाग- 6.17 लाख 
पुणे विभाग- 3.73 लाख 
कोकण विभाग- 13.29 लाख 
औरंगाबाद विभाग- 12.08 लाख 
नाशिक विभाग- 6.08 लाख 
 

Created On :   6 Jun 2022 7:10 PM IST

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