तीन महीनों तक नहीं काटी जाएगी कृषि पंपों की बिजली- ऊर्जामंत्री राऊत का ऐलान 

Power of agricultural pumps will not be cut for three months - Energy Minister Raut announced
तीन महीनों तक नहीं काटी जाएगी कृषि पंपों की बिजली- ऊर्जामंत्री राऊत का ऐलान 
बहाल होगी सब्सिडी तीन महीनों तक नहीं काटी जाएगी कृषि पंपों की बिजली- ऊर्जामंत्री राऊत का ऐलान 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में सभी पक्षों के सदस्यों की लगातार मांग और हंगामे के बाद ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने अगले तीन महीनों तक कृषि पंप का बिजली कनेक्शन न काटने का ऐलान किया साथ ही उन्होंने कहा कि जिन कृषि पंपों की बिजली बकाए के चलते काटी गई है उसे भी बहाल किया जाएगा। इसके साथ विदर्भ मराठवाडा के उद्योगों को राहते देते हुए सब्सिडी बहाल करने का फैसला किया गया है। पावरलूमों का भी कनेक्शन बहाल किया जाएगा।

64 हजार करोड़ तक पहुंच गया है बिजली बिलों की बकाया 

इस दौरान राऊत ने महावितरण के खराब माली हालत का भी जानकारी दी और ग्राहकों और सरकारी संस्थाओं से अपील की कि वे बिजली का बकाया बिल भरकर सहयोग दें। राऊत ने बताया कि बकाए से बिजली विभाग की हालत खराब हो गई है। विभिन्न वर्गों के ग्राहकों पर बकाए की रकम 64 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गई है। जिन ग्राहकों की बिजली काटी गई है उन पर 6423 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा दिसंबर 2020 तक कृषि पंपों का बकाया भी 44920 करोड़ रुपए पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि बकाए बिल को 2024 तक किश्तों में चुकाने का भी विकल्प दिया जा रहा है। इसके अलावा बिल भरने वालों को 2 फीसदी की छूट भी दी जा रही है। बकाएदारों का 15 हजार 97 करोड़ रुपए का ब्याज और दंड माफ किया गया है और उनसे 30 हजार 731 करोड़ रुपए की मूल रकम वसूली जा रही है। 

सरकारी कार्यालयों पर 207 करोड़ बकाया

राऊत ने कहा कि महावितरण कंपनी की तरफ से राज्य में तकरीबन 3 करोड़ ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। अभी तक स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के पास 9011 करोड़, सरकारी कार्यालयों पर 207 करोड़ रुपए बकाया है। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने ऊर्जा मंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि यह निर्णय अधिवेशन खत्म होने के बाद भी कायम रहेगा।

बिजली पर हंगामे के चलते चार बार स्थगित हुई कार्यवाही

शिवसेना के बालाजी कल्याणकर ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और कहा कि किसान बेहद परेशान हैं सरकार को तुरंत कृषि पंपों की बिजली काटने का सिलसिला बंद करना चाहिए। इसके बाद विपक्ष भी इस मुद्दे पर आक्रामक हो गया। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, परसो एक आत्महत्या हुई है। आज भी एक हुई है। किसानों की आत्महत्या हो रही है, ऐसे में चर्चा नहीं घोषणा होनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सभागृह में कहा था कि मई तक किसानों के बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे। किसानों में भारी आक्रोश है। मंत्री नितीन राऊत को सभागृह में बुलाया जाए और बिजली कनेक्शन काटने को तत्काल रोका जाए। यदि हमने किसानों का पक्ष नहीं रखा तो किसान हमें घूमने नहीं देंगे। हम किस मुंह से उनके सामने जाएंगे? विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ओर के सदस्यों ने कृषिपंप की बिजली काटने की प्रक्रिया रोकने की मांग की। विपक्ष के लगातार हंगामें के बाद विधानसभा की कार्यावही चार बार स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार ऊर्जा मंत्री के बिजली न काटने के ऐलान के बाद कामकाज शुरू हो सका। 

विदर्भ मराठवाडा के उद्योगों को फिर सब्सिडी

ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने विदर्भ और मराठवाडा के उद्योगों को मिलने वाली सब्सिडी फिर से बहाल करने का ऐलान किया। दरअसल आरोप लगे थे कि सब्सिडी का फायदा इलाके के कुछ बड़े उद्योगों को ही मिल रहा था। इसके बाद सब्सिडी रोककर समीक्षा के लिए समिति बनाई गई थी। समिति की रिपोर्ट आ गई है जिसके बाद उद्योगों की सब्सिडी फिर से बहाल करने का फैसला किया गया।
 

Created On :   15 March 2022 8:30 PM IST

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