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विधानपरिषद में कांग्रेस की महिला चेहरा होंगी प्रज्ञा, कांग्रेस-भाजपा-राकांपा की एक भी महिला सदस्य नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद के एक सीट पर होने वाले उपचुनाव में यदि कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा सातव निर्वाचित होती हैं तो वह सदन में कांग्रेस की महिला चेहरा होंगी। विधान परिषद में अभी कांग्रेस के 9 सदस्यों में से एक भी महिला सदस्य नहीं हैं। वहीं विधान सभा में 24 महिला विधायक हैं। विधान परिषद में फिलहाल 2 महिला सदस्यों का प्रतिनिधित्व है। 78 सीटों वाली विधान परिषद सदन में फिलहाल 65 सदस्य हैं। इसमें से शिवसेना की दो महिला सदस्य हैं। जबकि कांग्रेस, राकांपा और भाजपा समेत अन्य किसी दल की एक भी महिला सदस्य नहीं हैं। विधान परिषद में महिला सदस्य के रूप में शिवसेना की नीलम गोर्हे और इसी पार्टी की मनीषा कायंदे का समावेश है। शिवसेना सदस्य गोर्हे विधान परिषद की उपसभापति हैं। इस लिहाज से सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली फिलहाल सिर्फ एक सदस्य हैं। इधर, विधान परिषद की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा के खिलाफ भाजपा ने संजय केनेकर को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने भाजपा से अपने उम्मीदवार को पर्चा वापस लेने का आग्रह किया है। उपचुनाव में उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 22 नवंबर है। यदि भाजपा अपने प्रत्याशी केनेकर का पर्चा वापस ले लती है तो कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा निर्विरोध चुन ली जाएंगी। वैसे भी संख्या बल के हिसाब से भी प्रज्ञा का चुना जाता तय है।
इसके साथ ही विधान परिषद में कांग्रेस को प्रज्ञा के रूप में महिला प्रतिनिधित्व मिल जाएगा। प्रज्ञा कांग्रेस के पूर्व सांसद दिवंगत राजीव सातव की पत्नी हैं। विधानसभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित होने वाले इस उपचुनाव में महाविकास आघाड़ी के पास स्पष्ट बहुमत है। इसलिए समझा जा रहा है कि भाजपा उम्मीदवार केनेकर अपना पर्चा वापस ले लेंगे। विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्य रहे शरद रणपिसे के निधन से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव 29 नवंबर को घोषित हुआ है। इधर, विधान परिषद में अभी 13 सीटें रिक्त हैं। वहीं राज्यपाल कोटे की 12 सीटें डेढ़ सालों से रिक्त हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने नवंबर 2020 में विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की सीटों पर सदस्यों को नामित करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास सूची भेज दी थी लेकिन राज्यपाल ने मंत्रिमंडल की सिफारिश को अभी तक मंजूर नहीं किया है।
महिला सदस्यों को दोबारा पार्टियां नहीं देती मौका
बीते कुछ सालों में विधान परिषद में कांग्रेस की सदस्य रहीं दीप्ति चवधरी, राकांपा सदस्य रह चुकीं विद्या चव्हाण, भाजपा सदस्य स्मिता वाघ समेत अन्य महिला सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। लेकिन राजनीतिक दल अधिकांश बार महिला सदस्यों को सदन में दोबारा प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं देते हैं।
कांग्रेस को सदन के दल नेता की तलाश
विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्य शरद रणपिसे के निधन के बाद अब कांग्रेस को सदन के नेता के रूप में नए चेहरे की तलाश करनी पड़ेगी। विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्य भाई जगताप और प्रदेश के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटील का कार्यकाल 1 जनवरी को खत्म हो जाएगा। विधान परिषद की मुंबई प्राधिकारी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार भाई जगताप का जीतना मुश्किल है। इसलिए कांग्रेस मुंबई सीट से उम्मीदवार भी नहीं उतारेगी। जबकि राज्य मंत्री पाटील ने विधान परिषद की कोल्हापुर प्राधिकारी सीट नामांकन दाखिल कर दिया है। पाटील के पास गृह राज्यमंत्री व संसदीय कार्य राज्य मंत्री पद की जिम्मेदार है। इसलिए कांग्रेस को विधान परिषद में दल के नेता के रूप में नए चेहरे का मौका देना होगा। लेकिन सदन में कांग्रेस के पास कोई आक्रामक चेहरा नहीं है। सदन में कांग्रेस के सदस्य अमरनाथ राजूरकर, सुधीर तांबे को छोड़कर बाकी सदस्य अभीजित वंजारी, डॉ. वजाहत मिर्जा, राजेश राठोड, जयंत आसगावकर पहली बार निर्वाचित हुए हैं।
Created On :   19 Nov 2021 7:17 PM IST