धरने पर बैठे पीएचडी विद्यार्थियों को प्रकाश आंबेडकर ने कहा- विधायकों सांसदों को पीटो तब हल होगा मुद्दा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फेलोशिप (छात्रवृत्ति) की मांग को लेकर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (बार्टी) के धरने पर बैठे पीएचडी छात्रों को वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर ने अजब सलाह दी है। विद्यार्थियों से मिलने पहुंचे आंबेडकर ने बुधवार को कहा कि उनकी समस्या तब तक हल नहीं होगी, जब तक अनुसूचित जाति के विधायकों और सांसदों को मारेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज के विधायक और सांसद अपना पक्ष सरकार के सामने रखते हैं। लेकिन, अनुसूचित जाति के विधायक, सांसद ऐसा नहीं करते। आंबेडकर ने कहा कि यह मुद्दा उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था। मुख्यमंत्री ने इस पर बातचीत का भरोसा दिया था। सीएम के दौरे पर होने के कारण इस पर चर्चा नहीं हो पाई। 861 शोधार्थी धरने पर बैठे हैं। इनकी मांग सरकार ने स्वीकार नहीं की है।
कोई योजना बंद नहीं
सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे ने कहा कि विभाग ने प्रशिक्षण या दूसरी कोई योजना बंद नहीं की है। बार्टी के पास जो निधि उपलब्ध है, उसके मुताबिक हर साल 200 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का फैसला किया है। गुणवत्ता के आधार पर फेलोशिप के लिए विद्यार्थियों का चयन किया गया है। चुने गए छात्रों को छात्रवृत्ति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भांगे ने कहा कि बार्टी स्वतंत्र संस्था है और उसके महानिदेशक ही संस्थान से जुड़े प्रशासनिक फैसले करते हैं।
…तब तक जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन
छात्र इस पर अड़े हैं कि जब तक सरकार सभी पंजीकृत शोधार्थियों को फेलोशिप नहीं देगी, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। बार्टी के पीएचडी के छात्र फेलोशिप की मांग को लेकर पिछले दो महीने से मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे हैं।
औरंगाबाद के अतुल कांबले ने कहा कि सरकार अलग-अलग बहाने बना रही है। बार्टी के 200 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति दी जा सकती है तो सारथी और महाज्योति ने विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति के आवेदन को कैसे मंजूर कर लिया। इससे पहले करीब 450 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती थी। अब नियमों का हवाला देकर इसे बंद किया जा रहा है।
ई टेंडर के जरिए प्रशिक्षण संस्था का चयन
बार्टी के जरिए आईबीपीएस, बैंकिंग और पुलिस भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने वाली 30 संस्थाओं का कांट्रैक्ट खत्म हो चुका है। सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कांट्रैक्ट एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। फिलहाल 46 संस्थाएं विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे रहीं हैं। आगे बिना टेंडर के इन संस्थाओं का चयन नहीं होगा। क्योंिक इन संस्थाओं को एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के काम दिए जाएंगे। नियमों के मुताबिक 10 लाख रुपए से ज्यादा का काम बिना टेंडर नहीं दिया जा सकता।
कैटरिंग ठेकेदार पर कार्रवाई
सरकार ने माना है कि भोजन (कैटरिंग) ठेकेदार को लेकर कई तरह की शिकायतें थीं। खाने की गुणवत्ता खराब होने से लेकर समय पर खाना उपलब्ध न होने तक की शिकायतें जांच में सही पाई गईं। इसके बाद ठेका रद्द कर दिया गया है। दोबारा भोजन का ठेका देने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
Created On :   12 April 2023 8:04 PM IST