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गबन के पांच आरोपियों पर एफआईआर की तैयारी, अपैक्स बैंक की टीम भी देर शाम पहुंची छिंदवाड़ा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की कृषि शाखा में लीगल एडवाइजर से परामर्श लेने और ऑडिट टीम की रिपोर्ट के आधार पर प्रबंधन 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर करने की तैयारी में है। टीम को गबन हुए खातों के एटीएम से रुपए निकालते हुए एक आरोपी की तस्वीरों की फुटेज भी मिल चुकी है। इधर बुधवार देर शाम अपैक्स बैंक का दो सदस्यीय दल भी छिंदवाड़ा पहुंचा है।
गौरतलब है कि सहकारी बैंक की कृषि शाखा में गबन के संदेह पर तत्कालीन प्रबंधक फूल सिंग चौरे और वर्तमान प्रबंधक संदीप सूर्यवंशी को निलंबित किया गया था। इस मामले में सहकारी बैंक के जीएम ने चार सदस्यीय दल गठित कर जांच शुरु कराई थी। बीते दो दिनों से बैंक प्रबंधन जांच रिपोर्ट के आधार पर लीगल एडवाइजर से परामर्श ले रहा है। बुधवार को बैंक प्रबंधन ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी शुरु कर दी है। शाखा प्रबंधक की आईडी पासवर्ड का उपयोग करने, डमी खातों के जरिए लोन पास कराने, इन खातों से एटीएम के जरिए पैसा निकालने, फिर इन खातों में हुए लेनदेन की एंट्रियां डिलीट कर देने संबंधी अनियमित्ताएं सामने आई है। इस पूरे मामले में अब तक पांच लोगों की मिलीभगत सामने आई है। जल्द ही प्रबंधन ठोस सबूतों के साथ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा।
पैसा निकालते समय कैद हुआ आरोपी
एटीएम के जरिए बैंक की रकम निकालने वाले आरोपी की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है। दो दर्जन से ज्यादा बैंकों के एटीएम से रकम निकाली गई है। इसके अलावा जांच टीम को कई अहम सबूत मिले है, जिससे पता चला है कि बैंक की राशि को हड़पने में शाखा के अधिकारियों की भी भूमिका रही है।
आदिवासी क्षेत्र की शाखाएं जांच के घेरे में
जिले के आदिवासी क्षेत्र की पांच शाखाएं जांच के घेरे में है। बैंक प्रबंधन के साथ सहकारिता विभाग भी जिले की बैंक शाखाओं व समितियों को नए सिरे से सुरक्षा के घेरे में कसने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में एक शाखा के कम्प्यूटर ऑपरेटर की लग्जरी कार और बुलट चर्चा में बनी हुई है।
इनका कहना है
लीगल एडवाइजर से परामर्श लिया जा रहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। फिलहाल मामला जांच में है।
केके सोनी, जीएम सहकारी बैंक
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।