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बच्चों को तीसरी लहर से बचाने की तैयारी, 21 निजी अस्पतालों में भी 369 बेड किए आरक्षित
संक्रमण से निपटने इंतजाम- चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को बच्चों के इलाज के लिए दी जा रही ट्रेनिंग, मनमोहन नगर और रांझी अस्पताल में भी भर्ती हो सकेंगे बच्चे
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को प्रभावित करने की आशंका को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियाँ जारी हैं। इसी के चलते बच्चों की देखभाल के लिए चिकित्सकों एवं नर्सिंग-पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। शहर के बड़े निजी चिकित्सालयों के स्टाफ को शिशु रोग विशेषज्ञ प्रशिक्षण दे रहे हैं। कलेक्टर के निर्देशों के बाद निजी अस्पतालों में भी संक्रमित बच्चों को भर्ती करने के लिए बेड आरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिले के निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए 369 बेड रिजर्व किए जा चुके हैं, जबकि शासकीय अस्पतालों में 285 बिस्तर रिजर्व किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला चिकित्सालय और एल्गिन हॉस्पिटल के अलावा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनमोहन नगर और सिविल अस्पताल रांझी में भी ऑक्सीजन बेड आरक्षित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि एक पखवाड़े पहले जिले के तीन प्रमुख शासकीय अस्पतालों में संक्रमित बच्चों को भर्ती करने अलग-अलग स्तर पर तैयारियाँ शुरू की गई थीं।
दो शिशु रोग विशेषज्ञों की पदस्थापना - एनएचएम भोपाल द्वारा जबलपुर जिले के लिए दो शिशु रोग विशेषज्ञों की पदस्थपना की गई है। जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की एनआरसी में भी 10 बेड बच्चों के लिए रिजर्व किए जा रहे हैं। हालाँकि इसके लिए अभी उपकरण उपलब्ध कराया जाना शेष है। नर्सिंग स्टाफ की ट्रेनिंग के लिए ब्लॉक स्तर पर सिहोरा में भी शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रत्येक ब्लॉक से एक-एक चिकित्सक एवं स्टाफ नर्सों को ट्रेनिंग दी गई है।
मनमोहन नगर और रांझी में 10-10 बेड - सिविल अस्पताल रांझी के एनआरसी वार्ड के 10 बिस्तरों को ऑक्सीजन युक्त बनाकर बच्चों के लिए तैयार किया जा रहा है। वहीं मनमोहन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी 10 बेड कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं। यहाँ पीजीएमओ शिशु रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना की गई है।
जिन अस्पतालों में शिशु रोग विशेषज्ञ, वहाँ भी बेड रिजर्व
नोडल अधिकारी डॉ. संजय छत्तानी ने बताया कि 13 जून से सात दिवसीय एवं इसके बाद से प्रतिदिन आंतरिक प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। जिन मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पतालों में शिशु रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, उन अस्पतालों में बच्चों के लिए 10 से 15 बेड अनिवार्य रूप से रिजर्व रखे जाएँगे। दवाओं की उपलब्धता भी सुनश्चित की जा रही है।
Created On :   1 July 2021 6:18 PM IST