गौरतलब है कि प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को यहां एक टी पार्टी में कहा था कि वे दूसरी बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं होना चाहते. उनका कार्यकाल पूरा होने में दो माह बचे हैं. 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति को कार्यभार ग्रहण करना है. प्रणव मुखर्जी ने उन अधिकारियों को वापस उनके मंत्रालयों और विभागों में भेजना शुरू कर दिया है, जिन्होंने उनके साथ काम किया है। एक को वाणिज्य मंत्रालय में और दो को विदेश मामले के मंत्रालय में भेजा गया है। राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल ने गुरुवार को यहां एक टी पार्टी दी थी. इसी अवसर पर प्रणव ने अपने मन की बात कही. राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजमणि को नीदरलैंड में राजदूत बनाया गया है। राजमणि अगले महीने नीदरलैंड में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे।
मुखर्जी की इस टिप्पणी से विपक्षी दलों की गतिविधियों को तेज कर दिया है. कांग्रेस ने इससे पहले संकेत दिए थे कि अगर प्रणव को फिर से राष्ट्रपति बनाने पर सरकार विचार करे तो वह इस फैसले में साथ दे सकती है. लेकिन अब प्रणव की अनिच्छा जताने के बाद विपक्ष अपने उम्मीदवार को सामने लाने का प्रयास कर सकती है. सरकार ने अभी इस बात का कोई संकेत नहीं दिया है कि इस शीर्ष पद के लिए उसके दिमाग में कौन है।
]]>Created On :   26 May 2017 4:29 PM IST