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कोरोना के दौरान मिली रिहाई में शादी करने वाले कैदी को मिली 28 दिनों की अंतरिम जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के दौरान जमानत पर रिहाई के बाद शादी करनेवाले एक कैदी को बांबे हाईकोर्ट ने अपनी पत्नी व एक हफ्ते पहले जन्में बच्चे की देखरेख के लिए 28 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा कैदी साल 2013 से जेल में बंद है। कोरोना महामारी के दौरान कैदी महेश पाटिल को जब जेल से जमानत मिली तो उसने 6 जून 2021 को विवाह कर लिया था। चूंकि कोर्ट के निर्देश के बाद आरोपी अब दोबारा जेल में हाजिर हो गया है। इसलिए पाटील ने तीन माह की अंतरिम जमानत की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। क्योंकि उसकी पत्नी ने 8 जून 2022 को एक बच्चे को जन्म दिया है। कोल्हापुर की जेल में कैद पाटील ने याचिका में दावा किया था कि उसके घर में पत्नी की देखभाल करनेवाला कोई नहीं है। उसकी मां दुर्घटना के चलते बिस्तर पर है जबकि दादी की उम्र 87 साल है। एक भाई है वह भी जेल में बंद है। ऐसे में घर में पत्नी व बच्चे की देखरेख करनेवाला कोई नहीं है। ससुराल पक्ष से भी कोई मदद नहीं मिल रही है। इसके अलावा प्रसव के वक्त उसकी पत्नी की सेहत भी ठीक नहीं थी।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति वीजी बिष्ट के सामने पाटिल की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान पाटिल की ओर से पैरवी कर रही वकील माधवी अयप्पन ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान मेरे मुवक्किल की पत्नी की सेहत ठीक नहीं थी। इसलिए मेरे मुवक्किल को पत्नी व बच्चों के लिए जरुरी व्यवस्था करने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए। क्योंकि उनके घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं है। खंडपीठ ने पाटिल की याचिका व मामले से जुड़े तथ्यों एवं विचित्र परिस्थिति को देखते हुए आरोपी को 15 जुलाई 2022 तक के लिए दस हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी। खंडपीठ ने पाटिल को सप्ताह में दो दिन तक कोल्हापुर के संबंधित पुलिस स्टेशन में सुबह 10 से 11 बजे के बीच हाजरी लगाने को कहा है और 16 जुलाई को जेल में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
Created On :   18 Jun 2022 4:41 PM IST